भारत विज्ञान और तकनालाजी के मामले में भले ही आगे निकल गया हो फिर भी देश की एक बड़ी जनसंख्या बीमारियों से लड़ने में अपना जीवन समाप्त कर रही है। जीवन के इस अंतिम पड़ाव पर उसकी जमा पूंजी भी अस्पताल की भेंट चड़ जाती है। आज भी हममें से कई ऐसे लोग हैं जो लाइलाज बीमारियों से लड़ रहे हैं। कुछ ऐसी बीमारी हैं, जिसकी आज तक कोई दवा ही नहीं बनी है। ये सभी रोग घातक तो नहीं हैं लेकिन इनका कोई इलाज भी नहीं है। कोई भी बीमारी तब लाइलाज बोली जाती है जब उसे ठीक करने के लिये कोई दवा नहीं बनी होती है।बीमारी और इलाज के बीच की खाई को पाटने की कोशिश भारत सरकार ने देश के एक वर्ग के लिए “आयुष्मान भारत” के रूप में की है। देश के 5 राज्य भी अभी इस योजना से अछूते हैं। वो दिन अच्छा कहा जा सकेगा जब चिकित्सा का अधिकार बिना किसी भेदभाव के सबको सुलभ हो।
वर्तमान माहौल बीमारी आने का कोई आभास नहीं होता और उससे छुटकारा कब मिलेगा कोई नहीं कह सकता। जैसे यदि आपका पेट खराब है तो आपको एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक कर दिया जाता है और आप 3 दिनों के अंदर ठीक हो जाते हैं। हो सकता है कि इससे ज्यादा का भी समय लगता हो लेकिन आखिर में आप ठीक ही हो जाते हैं, यानी की इसका इलाज है। मगर जब आपको ठंड पकड़ लेता है या वाइरल हो जाता है तो कोई भी दवा आपकी मदद नहीं कर पाती। अलग तरह की कई बीमारियां हैं जो की अभी भी बहुत पुरानी हैं। कुछ बीमारियां जैसे, गठिया और मधुमेह किसी की जान तो नहीं लेती मगर इन्हें बिल्कुल से ठीक कर पाना मुश्किल है। इन बीमारियों को केवल दवाओं से कंट्रोल ही किया जा सकता है। कैंसर भी इसी लिस्ट में आता है, जिसका कोई इलाज नहीं है।
सरकार ने बीमारों की सहायता के लिए “आयुष्मान भारत” नामक खिड़की खोली है। रोगी की सहायता के साथ यह योजना देश में पनप रही एक और लाइलाज बीमारी “बेरोजगारी” से भी कुछ राहत देगी। इस योजना के तहत 5 साल में दो लाख नौकरियां सृजित होंगी। ये नौकरियां अस्पताल, बीमा कंपनियों, कॉल सेंटर और रिसर्च क्षेत्र में निकलेंगी। सरकारी और निजी अस्पतालों में सीधे तौर पर एक लाख आयुष्मान मित्र तैनात किए जाएंगे। 10 हजार आयुष्मान मित्र इस वर्ष तैनात किए जाएंगे। योजना लागू होने के बाद डॉक्टर, नर्स, स्टाफ, टेक्नीशियन जैसे पदों पर भी नौकरियों के अवसर बनेंगे। इनकी नियुक्ति अस्पतालों में की जाएगी इससे कुछ पैमाने पर बेरोजगारों की संख्या घटेगी। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय के बीच समझौता हुआ है।
इस योजना के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया है। वैसे लोकसभा में बजट 2018 'आयुष्मान भारत' योजना का ऐलान किया था। इस योजना के अंतर्गत 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपए का हेल्थ बीमा मिलेगा। देश की 40 प्रतिशत आबादी को सरकारी हेल्थ बीमा उपलब्ध कराया जाएगा। भारत में जिस मध्यम वर्ग से भारी भरकम कर बटोरा जाता है वो इस योजना के लाभ से वंचित होता दिखता है। अच्छी योजना का लाभ सबको मिलना चाहिए।
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श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।