भोपाल। मध्यप्रदेश में कानून का राज खत्म हो रहा है। यहां माफिया राज शुरू हो रहा है। अब यह बात नौकरशाह भी मानने लगे हैं। मुरैना में रेत माफिया द्वारा डिप्टी रेंजर की हत्या किए जाने के बाद नौकरशाही में खलबली मच गई है। आईएएस दीपक सक्सेना इस मुद्दे पर खुद को रोक नहीं पाए और 4 लाइनों में उन्होंने मध्यप्रदेश की सारी तस्वीर पेश कर दी। श्री सक्सेना इन दिनों निर्वाचन विभाग में काम कर रहे हैं।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी दीपक सक्सेना ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा:
मन बेहद व्यथित है..... कहना तो बहुत खरी खरी है, पर अभी केवल निवेदन, एक सरकार से- कृपया मुआवज़े की राशि कम से कम दो करोड़ तत्काल प्रदान करें। दूसरा साथियों से- कुछ करने के लिये अब और कौन से उपयुक्त समय का इन्तज़ार है, आँच अब हमारे घर तक आ गई है। क़ानून का राज महसूस होना और दिखना भी चाहिये, यह हमारी ज़िम्मेदारी है।
आईएएस दीपक सक्सेना ने 4 पंक्तियों में मध्यप्रदेश के सारे सिस्टम की कलई खोलकर रख दी है। उन्होने अपने आईएएस साथियों को संबोधित करते हुए लिखा है कि 'अब और कौन से उपयुक्त समय का इन्तज़ार है।' यानि माफिया के खिलाफ मध्यप्रदेश की नौकरशाही दवाब में है और कार्रवाई के लिए उपयुक्त समय का इंतजार कर रही है। उन्होंने बहुत बड़ी बात लिखी है कि 'क़ानून का राज महसूस होना और दिखना भी चाहिये' यानि मध्यप्रदेश में कानून का डंडा कमजोर पड़ गया है। अब वो ना तो दिखाई दे रहा है और ना ही महसूस हो रहा है। उन्होंने लिखा है कि 'यह हमारी ज़िम्मेदारी है।' यानि आईएएस लॉबी राजनीति के भारी दवाब में हैं।
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