भोपाल। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख बढ़ा दी है। सीबीडीटी ने सोमवार को मियाद में बढ़ोतरी का नोटिफिकेशन जारी किया। पूर्व निर्धारित समय सीमा के मुताबिक रिटर्न 30 सितंबर तक दाखिल किए जा सकते थे। अब 15 अक्टूबर तक रिटर्न भरे जा सकेंगे। बढ़ी मियाद का लाभ आम व्यक्तिगत रिटर्न दाखिल करने वालों को नहीं मिलेगा।
जानकारों के मुताबिक अब तक करीब 50 फीसदी रिटर्न दाखिल हो सके थे। 30 सितंबर तक सभी रिटर्न जमा होना मुश्किल लग रहा था। दबाव बढ़ने पर पोर्टल में भी परेशानी आ जाती। नतीजा करदाताओं और सीए की ओर से बार-बार की जा रही मांग को देखकर यह निर्णय लिया गया है। सीए स्वप्निल जैन के मुताबिक रिटर्न जमा करने की तारीख में हुई इस वृद्धि का लाभ उन कर दाताओं को मिलेगा, जिन पर ऑडिट रिपोर्ट के साथ रिटर्न दाखिल करने का नियम लागू होता है।
वेतनभोगी व आम करदाताओं के लिए तो रिटर्न जमा करने की तारीख 31 अगस्त को ही खत्म हो चुकी है। 30 सितंबर उन करदाताओं के लिए अंतिम तारीख थी, जिन्हें ऑडिट रिपोर्ट पेश करना होती है। इसमें तमाम कंपनियां, फर्म और भागीदार शामिल होते हैं। इस तारीख के बढ़ने से इन्हीं करदाताओं को लाभ मिल रहा है। असल में तारीख बढ़ाना जरूरी भी हो गया था, क्योंकि सीबीडीटी ने इस बार रिटर्न व ऑडिट के प्रारूप में काफी बदलाव किया था। बदलाव व संशोधन अप्रैल के बजाय ऐसे समय लागू किए गए जब ऑडिट का काम आधा हो चुका था। नतीजा हुआ कि कई फर्मों-कंपनियों को नए प्रारूप और मांग के हिसाब से जानकारियां फिर जुटानी पड़ी। इसके चलते करदाताओं की परेशानी बढ़ रही थी और समय कम पड़ रहा था। सीए भी दबाव में थे। बड़ी कंपनियां जिनकी ऑडिट रिपोर्ट सैकड़ों पन्नों की होती है, उनके लिए परेशानी काफी बढ़ गई थी।