इंदौर। ‘पीआईएल लगने के बाद न्यायालय पर हमला किया जाता है। धमकाया जाता है कि हमारे हिसाब से फैसला नहीं दिया तो न्यायालय को, जजेस को बदनाम किया जाएगा। पीआईएल को फिर से निर्धारित करने का समय आ गया है। अगर हमने मनमाफिक निर्णय नहीं दिया तो देश में काला दिवस घोषित कर दिया जाता है।’ यह बात सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा ने शनिवार को पीपल्याहाना में जिला कोर्ट की नई बिल्डिंग के भूमिपूजन समारोह में कही।
PIL अब पब्लिक नहीं पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन बन गईं हैं
राजनीति पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन अब पॉलिटिकल इंटरेस्ट याचिका बन गई है। पीआईएल पहले कभी व्यापक जनहित के लिए शुरू की गई थी, लेकिन अब यह निजी हित का बड़ा हथियार बन गई है। पॉलिटिकल इंटरेस्ट के लिए इस लिटिगेशन को प्रायोजित कर अदालतों में लगाया जा रहा है। वहीं लोकसभा स्पीकर ने कहा कि पीआईएल अब पर्सनल इंटरेस्ट लिटिगेशन बन गई है।
सुधार नहीं किया तो लोगों का विश्वास उठ जाएगा
आज कोर्ट के लिए यह धारणा बन रही है कि वह केवल पूंजीपतियों के ही केस पहले सुनती है। इस धारणा को बदलने की जरूरत है। जजेस और वकीलों को चिंतन करना होगा। हमने सुधार नहीं किया तो हमसे लोगों का विश्वास उठ जाएगा। वो दिन दूर नहीं जब लोग कानून हाथ में ले लेंगे।
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