इंदौर। आरोपित के परिवार ने शादी के लिए मना किया तो नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने डिप्रेशन में फांसी लगा ली। दो महीने पहले आरोपित के परिवार ने राजीनामा करके शादी करने का वादा किया था। समझौते के बाद आरोपित आठ दिन पहले जमानत पर जेल से छूट गया था। चार दिन पहले शादी से मना करने की वजह से पीड़िता परेशान थी।
तिलक नगर पुलिस के मुताबिक सोमवार रात करीब 8 बजे किशोरी का शव फंदे पर झूलता मिला था। घटना के वक्त परिजन छोटी खजरानी में रिश्तेदार के घर श्राद्ध के कार्यक्रम में थे। मंगलवार को एमवाय अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। मृतका के पिता ने बताया कि उनके पड़ोस में बद्री नामक युवक रहता है। चार महीने पहले वह बेटी का अपहरण कर महाराष्ट्र ले गया था। इसमें आरोपित की बहन और बहनोई ने भी मदद की थी।
पुलिस ने कुछ दिन बाद बेटी को बरामद कर लिया था। पुलिस ने आरोपित और उसके बहन-बहनोई के खिलाफ अपहरण और दुष्कर्म की धाराओं में केस दर्ज कर जेल भेज दिया था। करीब दो महीने पहले आरोपित के परिवार ने दबाव बनाकर समझौता करवाया। बेटी की शादी आरोपित से करने का झांसा देकर राजीनामा करवा लिया।
इन्हीं दस्तावेजों के जरिये आरोपित को कोर्ट से जमानत मिल गई। पांच दिन पहले आरोपित, बेटी और उनका एक दोस्त एक बिल्डिंग की छत पर रात 1 बजे बैठकर बात कर रहे थे। तीनों को डांटकर भगा दिया था। आरोपित को अगले दिन परिवार के साथ आकर शादी की बात करने के लिए बोला था। जब वह नहीं आया तो उसके घर गए। चार दिन पहले आरोपित के परिवार ने जेल पहुंचाने वाली लड़की को बहू बनाने से मना कर दिया। यह बात सुनकर बेटी डिप्रेशन में आ गई।
सोमवार सुबह पूरा परिवार छोटी खजरानी जाने के लिए निकला तो बेटी ने कहा कि वहां लोग उसे ताना मारेंगें। परिवार को भला-बुरा कहेंगे, इसलिए वह नहीं जाएगी। बदनामी के डर से वह घर पर ही रुक गई थी। रात को परिवार लौटा को दरवाजा अंदर से बंद था। खिड़की तोड़कर देखा तो घटना का पता चला।
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