भोपाल। सीएम शिवराज सिंह की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना चुनाव से पहले ही अटक गई। IRCTC ने मप्र राज्य सरकार को एक पत्र लिखकर बताया है कि अब वो इस योजना के तहत ट्रेनें उपलब्ध नहीं कराएगा, क्योंकि मध्यप्रदेश सरकार पर 80 करोड़ की उधारी हो गई है और निर्धारित नियम व शर्तों के अनुसार शिवराज सरकार ने तीर्थ दर्शन योजना के तहत चलाई गईं ट्रेनों का किराया नहीं चुकाया है।
शिवराज सिंह चौहान की सरकार में बुजुर्गों को तीर्थयात्रा कराने की योजना जोर शोर से शुरू हुई थी। ये योजना बीजेपी सरकार के हिंदू ब्रांड का बड़ा हिस्सा रही है, लेकिन चुनाव के पहले सरकार की यही योजना सबसे बड़ी मुश्किल बनकर सामने आई है। दरअसल राज्य सरकार के ऊपर इस तीर्थयात्रा के लिए ली गई ट्रेनों का करोड़ों रुपए बकाया है। बकाया नहीं देने पर रेलवे ने सरकार को अब आगे की यात्राओं के लिए ट्रेन देने से मना कर दिया है। तीर्थयात्रा का अगला फेरा सितंबर और अक्टूबर में होने वाला था।
IRCTC ने राज्य सरकार को जो पत्र लिखा है, उसके मुताबिक, 2018-19 में 30 सितंबर तक 125 ट्रेनों को चलाया जाना था। सरकार ने रेलवे को 5 जुलाई तक 60 ट्रेनों का 78 करोड़ रुपये पेमेंट किए हैं। वहीं 30 सितंबर तक चलाई जाने वाली कुल 65 ट्रेनों का 80 करोड़ रुपए अभी सरकार पर बकाया है। आईआरसीटीसी ने राज्य सरकार को साफ कर दिया है कि एडवांस पेमेंट मिलने पर ही यात्रा के लिए आगे ट्रेन मुहैया करायी जाएगी।
शिवराज सरकार ने तीर्थ दर्शन योजना के तहत इस साल 20 अगस्त से लेकर 30 सितंबर तक 28 हज़ार से ज़्यादा बुजुर्गों को तीर्थ कराने का प्लान किया था। हालांकि अब आईआरसीटीसी की इस चिट्ठी के बाद इस योजना के मुश्किल में घिरने की आशंका है।
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