जबलपुर। जस्टिस एसके सेठ व जस्टिस अंजुलि पालो की खंडपीठ ने एडवोकेट मदन सिंह को तलब किया एवं पूछा कि क्यों ना उनके खिलाफ न्यायालय की अवमानना की कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने एडवोकेट मदन सिंह को जवाब पेश करने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया है। एडवोकेट मदन सिंह पर आरोप है कि उन्होंने जेएमएफसी कोर्ट के जज को भरी अदालत में नौकरी से हटवाने की धमकी दी और अभद्रता की। वो न्यायालय का एक फैसला अपने मनमाफिक करवाना चाहते थे।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश (डीजे) जबलपुर की ओर से 9 मार्च 2018 को हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को एक शिकायती पत्र भेजा था। पत्र में बताया गया था कि चतुर्थ सिविल न्यायाधीश वर्ग एक अनिल कुमार साहू की कोर्ट में चेक बाउंस के मामले में 2 फरवरी 2018 को सुनवाई चल रही थी। उसी दौरान शिकायतकर्ता के अधिवक्ता दीक्षितपुरा निवासी मदन सिंह कोर्ट में पहुंचे और मामले की पिछली आदेशिका को देखते ही चिल्लाने लगे। उन्होंने न्यायाधीश को कहा कि आपको आदेश लिखना नहीं आता है। आवेदन पढ़कर आदेश नहीं लिखते हो, आप जज नहीं हो, मैं देख लूंगा।
इसके बाद 4:30 बजे वकील मदन सिंह फिर कोर्ट में आए। पुराने आदेश को हटाने के लिए उन्होंने फिर से दबाव बनाने का प्रयास किया। सिंह ने भरी कोर्ट में मेज पर घूंसा मार कर चिल्लाते हुए कहा, हाईकोर्ट के कई जजों से मेरी पहचान है। पुराना आदेश हटा दो नहीं तो जूनियर से धमकी देने की शिकायत करवा दूंगा। इसे अभद्रता बताते हुए न्यायाधीश साहू ने डीजे को शिकायत की थी। शिकायत पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर यह अपराधिक अवमानना याचिका दायर की है।
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