नई दिल्ली। श्रीगणेश प्रतिमाओं के साथ बर्बारता का मामला सामने आया है। पहले मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में कचरा गाड़ी में कचरे के साथ श्रीगणेश प्रतिमाओं के परिवहन का मामला आया था अब खबर गुजरात के अहमदाबाद से आ रही है। यहां श्रीगणेश प्रतिमाओं को जेसीबी से तोड़ा गया और फिर उन्हे उस डंपिंग ग्राउंड में फैंक दिया गया जहां शहर भर का कचरा डाला जाता है।सोमवार को डंपरों ने शहर के 184 फेरे लगा कर 527 टन मूर्तियों को डपिंग ग्राउंड में डाला।
अब बैकफुट पर नगर निगम
अहमदाबाद की महापौर बीजल पटेल ने कहा कि मुझे नहीं पता किसके निर्देश पर ऐसा हुआ है। हां, मैं स्वीकार करती हूं कि ऐसा नहीं होना चाहिए। मुद्दा श्रृद्धा का है। इसलिए धार्मिक भावनाओं का आहत होना स्वाभाविक है। हम जांच कर जिम्मेदारों पर उचित कार्रवाई करेंगे। सवाल यह है कि सोमवार को सारा दिन यह कार्रवाई चलती रही डंपरों ने 184 चक्कर लगाए। क्या महापौर को पता भी नहीं चला कि शहर में क्या हो रहा है।
प्रतिमाओं को डुबो कर बाहर निकाला जा रहा था
रायखड निवासी चेतन प्रजापति ने बताया कि रविवार रात 10:30 बजे के लगभग हम विसर्जन के लिए साबरमती नदी पहुंचे। जहां हमें बताया गया कि नदी में पीओपी की प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक है। हमने प्रतिमा को किनारे पर रख दिया। हमने देखा बड़ी-बड़ी क्रेन की मदद से प्रतिमाओं को कुंड में डुबो कर तुरंत ही बाहर निकाल लिया जा रहा है और किनारे पर रखा जा रहा है। जब लोग भारी तादाद में प्रतिमाओं को लेकर आए तो फिर उन्हें सीधे ही किनारे पर रखा गया। रात 11:30 बजे हम घर लौटे आए। देर रात एक मित्र ने फोन पर बताया कि जो मूर्तियां नदी किनारे रखी जा रही हैं, उन्हें जेसीबी और बुलडोजर से तोड़ा जा रहा है।
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