जबलपुर। मंडला जिले के घुघरी विकासखंड में करीब 300 से ज्यादा कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। कार्यकर्ताओं के इस्तीफे की खबर से पार्टी नेताओं के कान खड़े हो गए हैं। ये इस्तीफे यहां आयोजित हुई एक क्षेत्रीय महापंचायत के दौरान दिए गए। नेताओं का कहना है कि यदि वो अपने गांव में एक सड़क तक नहीं बनवा सकते तो नेतागिरी करने का फायदा ही क्या।
दिग्गजों को कौने में बिठा दिया, विधायक को भी चुप करा दिया
महापंचायत में विधानसभा टिकट की दावेदारी कर रहे दोनों दलों के नेता भी पहुंचे, जिन्हें उपेक्षा का शिकार होना पड़ा और पंचायत ने उन्हें एक कोने में बैठा दिया। इस दौरान दोनों दलों के नेताओं को सभा में एक शब्द भी नहीं बोलने दिया। वर्तमान में बिछिया विधायक पं. सिंह धुर्वे भी महापंचायत कर रहे लोगों को समझाने के लिए पहुंचे, लेकिन उन्हें भी कार्यक्रम में लोगों ने तवज्जों नहीं दी। बीजेपी महामंत्री और बिछिया से विधायक की दावेदारी कर रहे नीरज मरकाम ने कहा कि लोगों की मांग जायज है, जिसे जल्द ही पूरा करने की कोशिश की जाएगी। वही कांग्रेस से पूर्व विधायक नारयण सिंह पट्टा ने मामले से कन्नी काट ली।
नेताओं से कहा: इस बार वोट मांगने मत आना
गांव की इस महापंचायत में नीरज मरकाम, पं. सिंह धुर्वे, सावित्री धुमकेती, नारायण सिंह पट्टा, तुलसी धूमकेती, राजेश्वरी मनोठिया जैसे राजनेता पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों ने किसी को भी सभा में बोलने नहीं दिया और सभी नेताओं की जमकर उपेक्षा की। सभा के बाद विधायक ने महासभा के लोगों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही रोड का निर्माण कार्य किया जाएगा, लेकिन लोगों ने विधायक की बात को महज लॉलीपॉप समझा और कहा कि अगर रोड नहीं बनेगी तो ग्रामीण वोटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे।
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