शरीर में जोड़ों के दर्द के 100 से ज्यादा प्रकार होते हैं। ओस्टियोपोरोसिस से लेकर स्पोंडिलाइटिस तक। पेनकिलर दवाओं के न सिर्फ कई साइड इफेक्ट्स होते हैं बल्कि इनका असर भी कुछ समय के लिए होता है। यहां हेल्थ एक्सपर्ट्स बता रहे हैं बगैर दवा के दर्द से राहत पाने के कुछ उपाय।
ग्लूटेन फ्री डाइट/Gluten Free Diet
न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर की रूमेटोलॉजी विभाग की निदेशक डॉ. एंका आस्कानेस कहती हैं, ‘कई बार ग्लूटेन के प्रति सेंसिटिव न होने के बावजूद यह इंफ्लेमेशन का सबब बन सकता है। ग्लूटेन फ्री डाइट लेने से दर्द में राहत मिल सकती है और सुकून महसूस कर सकते हैं।’
म्यूजिक/MUSIC
‘जर्नल ऑफ क्लीनिकल रूमेटोलॉजी’ में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक 20 मिनट तक रिलैक्सिंग म्यूजिक सुनने वालों में दर्द से 52 फीसदी तक राहत का अहसास हुआ। म्यूजिक सुनने से व्यक्ति तनाव मुक्त होता है और इससे मांसपेशियों का तनाव भी कम होता है। जिससे दर्द में कमी महसूस होती है।
कैप्सायसिन का असर/ EFFECT OF CAPSACIOUSNESS
वर्जीनिया में सेंटारा रूमेटोलॉजी के स्पेशलिस्ट डॉ. डॉन मार्टीन के अनुसार, ‘मिर्च में पाया जाने वाला कैप्सायसिन नामक तत्व दर्द कम करता है। जिन जोड़ों में दर्द अधिक होता है, उन पर बाजार में मिलने वाले कैप्सायसिन युक्त जैल या क्रीम लगाए जा सकते हैं। इन्हें लगाने पर एक बार जलन तो होती है, पर राहत भी मिलती है।’
कारगर है सिंकाई
अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. पी. के. दवे बताते हैं, ‘जब आप अधिक दर्द महसूस करें तो पेनकिलर लेने की बजाय गर्म या ठंडा सेंक लें। गर्म कंप्रेसन से दर्द और खिंचाव में आराम मिलता है। लेकिन सूजन भी हो, तो बर्फ और ठंडे पानी का सेंक ज्यादा कारगर साबित होता है। इससे सूजन भी कम होती है और दर्द भी।’
एक्यूपंक्चर/ACUPUNCTURE
मेडिकल जर्नल ‘ओस्टियोआर्थराइटिस एंड कार्टिलेज’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक एक्यूपंक्चर से घुटनों के दर्द में काफी राहत मिलती है। अन्य अनुसंधानों की रिपोर्ट्स में भी पाया गया कि एक्यूपंक्चर से दर्द और इंफ्लेमेशन कम होता है। इसकी वजह है इम्यून सिस्टम का ट्रिगर होना, जिससे एंडॉर्फिंस रिलीज होते हैं। एंडॉर्फिंस नेचुरल पेनकिलर होते हैं। जो एक्यूपंक्चर नहीं कराना चाहते उन्हें एक्यूप्रेशर का सहारा लेना चाहिए। इससे ज्वाइंट्स में रक्त का प्रवाह दुरुस्त होता है।
पालक
‘फूड क्योर्स- ब्रेक थ्रू न्यूट्रीशनल प्रिसक्रिप्शन फॉर एवरीथिंग फ्रॉम कोल्ड टू कैंसर’ में प्रकाशित जानकारी के मुताबिक गहरी हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक आदि में विटामिन के, भरपूर मात्रा में होता है।
अध्ययन बताते हैं कि इस विटामिन का सेवन करने वालों में हिप फ्रैक्चर का खतरा कम हो जाता है क्योंकि इससे कैल्शियम की कमी नहीं होती और हड्डियों का घनत्व बढ़ता है। पत्तेदार सब्जियों के साथ-साथ हमेशा विटामिन सी भी लेना चाहिए, जो पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से एबजॉर्ब करने में मदद करते हैं।
प्रोबायोटिक्स/PROBIOTICS
न्यूयॉर्क में ब्लमसेंटर फॉर हेल्थ की संस्थापक-निदेशक डॉ. सुजेन ब्लम के अनुसार पेट में अच्छे बैक्टीरिया की उपस्थिति शरीर की सेहत के लिए अच्छी मानी जाती है। इसके लिए आपको दही, फर्मेंटेड फूड या सप्लीमेंट्स का सहारा लेना चाहिए। इससे जोड़ों की सेहत भी दुरुस्त रहती है।
हल्दी/TURMERIC
टरमेरिक- दी साल्ट ऑफ दी ओरिएंट इज दी स्पाइस ऑफ लाइफ’ में डॉ. कमला कृष्णास्वामी ने लिखा है, ‘हल्दी में मौजूद करक्यूमिन में न सिर्फ एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं बल्कि एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं। गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीने से काफी फायदा मिलता है।