इंदौर। प्रधानमंत्री कोई सुल्तान या अलाउद्दीन खिलजी तो हैं नहीं कि मनमर्जी करके ऐलान कर दें। वे लोकतंत्र में कोई अथॉरिटी नहीं हैं कि कहीं भी जाकर कुछ भी खरीद सकते हैैं। ये शब्द पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने राफेल विमान सौदे को लेकर कहे, उन्होंने कहा कि यह बड़ा घोटाला सामने आया है। यूपीए सरकार के समय 2012 में जो डील की गई थी, उसको निरस्त कर अब तीन गुना ज्यादा दामों पर खरीदने का निर्णय केंद्र सरकार ने लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस जाकर सीधे ऐलान किया कि 36 राफेल विमान हम खरीदेंगे। खास बात यह है कि इसकी जानकारी उससे पहले विदेश मंत्रालय को भी नहीं थी, न राफेल बनाने वाले सीईओ को। उस समय तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को भी महज तीन दिन पहले बताया गया। प्रधानमंत्री ने पुरानी डील निरस्त की तो उसके लिए दोबारा से प्रक्रिया अपनाना थी, उन सभी को नजरअंदाज कर दिया। हिंदुस्तान के इतिहास में कभी किसी प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया।
सिब्बल ने रविवार को इंदौर में संवाददाताओं से कहा 2012 में हमने 560 करोड़ रुपए प्रति राफेल विमान के हिसाब से खरीदने का कॉन्ट्रैक्ट किया था। अब उसी को 1600 करोड़ रुपए प्रति राफेल विमान के हिसाब से खरीदने का ऐलान प्रधानमंत्री ने कर दिया। 2012 के एग्रीमेंट के मुताबिक जो डील 18-19 हजार करोड़ रुपए की थी, वो अब करीब साठ हजार करोड़ तक पहुंच गई। अंतर करीब 41 हजार करोड़ रुपए है। हम संसद में राफेल के दाम पूछ रहे हैं तो सरकार कह रही है सीक्रेट है। इस मौके पर सिब्बल के साथ सांसद विवेक तन्खा भी थे।
कांग्रेस सरकार बनते ही लागू करेंगे एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट
राफेल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सिब्बल और विवेक तन्खा वकीलों से मिले। वकीलों ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर चर्चा की। इस पर सिब्बल ने कहा अब तक प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू क्यों नहीं हुआ? उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार बनने के बाद एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाएगा। इस मौके पर सौरभ मिश्रा, सुनील गुप्ता, अजय गुप्ता, प्रमोद द्विवेदी आदि मौजूद थे। इससे पहले सिब्बल दिल्ली से इंदौर पहुंचे। हालांकि तकनीकी कारणों से फ्लाइट करीब 45 मिनट लेट हुई। एयरपोर्ट पर शहर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, प्रवक्ता सन्नी राजपाल ने अगवानी की।