भोपाल। चुनाव आयोग भी अब चुनावी रंग में आ गया है। उसके एक आदेश ने कई नेताओं की नींद उड़ा दीं हैं। चुनाव आयोग ने सभी प्रकार के सरकारी भवनों में चुनावी गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया है। मंत्री और विधायकों को आवंटित सरकारी आवासों में भी चुनावी बैठक का आयोजन नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं वो अपने आवास पर पार्टी का झंडा भी नहीं लगा सकेंगे। बता दें कि शुक्रवार की रात ही सीएम हाउस में चुनावी बैठक हुई है।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि सरकारी आवासों में चुनाव प्रचार सामग्री का संग्रहण भी नहीं हो सकता। यदि इस बारे में कोई शिकायत मिलती है तो वह ऐसा करने पर आचार संहिता उल्लंघन की कार्रवाई करेगा। आयोग जल्द ही इस के आदेश जारी करने वाला है। आयोग ने जनप्रतिनिधियों और राजनीतिक दलों की चुनावी गतिविधियों पर नजर रखना शुरू कर दिया है। चुनाव से पहले यह देखा जा रहा है कि 50 हजार से अधिक राशि किन किन बैंक अकाउंट में बार बार डाली जा रही है।
दलाल कुरियर आदि के माध्यम से होने वाले अवैध धन के लेन देन (मनी लॉन्डरिंग) पर अभी से कड़ी नजर रखी जा रही है। चुनाव के दौरान दिखावे के खर्च पर भी इन टीम की नजर रहेगी। उन राजनीतिक दल की भी सूची तैयार होगी जिन्होंने नियमित रूप से इनकम टैक्स नहीं भरा है। गौरतलब है कि साल के अंत में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सभी दल अपनी अपनी तैयारियों को लेकर बैठकें कर रहे हैं।
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