भोपाल। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय निष्प्रभावी करने के लिए संसद के मानसून सत्र में पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम, 1989 में संशोधन का विधेयक प्रस्तुत किया। संसद में यह बिना विरोध के पारित हुआ। इसके बाद भोपाल में आयोजित कार्यकर्ता महाकुंभ में उन्होंने कहा 'पीएम मोदी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति ने दीमक की तरह देश को चट कर दिया है।'
मध्यप्रदेश भाजपा द्वारा आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में मंच पर जातिवाद को ध्यान में रखते हुए नेताओं को स्थान दिया गया था। कहने की जरूरत नहीं कि यह सबकुछ सीएम शिवराज सिंह की मर्जी और अनुमति से हुआ होगा।
आदिवासी नेता एवं सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते
आरक्षित जातियों के नेता एवं केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत
ओबीसी नेता व विधायक बाबूलाल गौर
ओबीसी नेता व केंद्रीय मंत्री उमा भारती
और फिर पीएम नरेंद्र मोदी ने मंच से कहा कि 'अगड़ों-पिछड़ों में लड़ाई कराना देश को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटने जैसा पाप है।'
संशोधन के कारण देश में बढ़ा जातिवाद और वर्गसंघर्ष
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निष्प्रभावी करने के लिए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम, 1989 में किए गए संशोधन के बाद देश भर में जातिवाद और वर्ग संघर्ष बढ़ गया है। हालात यह हैं कि अब लोग पाकिस्तान की बात ही नहीं करते। यहां तक कि श्रीगणेश महोत्सव में इस बार साम्प्रदायिक मुद्दे भी गायब थे। सारे देश में सिर्फ जातिवाद नजर आ रहा है। सवाल यह है कि क्या पीएम नरेंद्र मोदी ने भोपाल में भाजपा के मंच से अपनी गलती स्वीकार की है।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com