भोपाल। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकारी सेवाओं में पदोन्नति में आरक्षण के संदर्भ में फैसला दिए जाने के बाद कहा जा रहा था कि चुनाव में यह सीएम शिवराज सिंह का सबसे बड़ा सिरदर्द होगा। अजाक्स और सपाक्स के नेताओं ने भी अपील जारी कर दी थी परंतु यह सबकुछ बयानबाजी ही हैं। विधानसभा चुनाव में सीएम शिवराज सिंह पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि मध्यप्रदेश का मामला अब भी कोर्ट में है और उस पर फैसला आना शेष है।
गौरतलब है कि केंद्र और राज्य सरकारें इस 12 साल पुराने एम नागराज केस से जुड़े फैसले को प्रमोशन में आरक्षण देने में बाधा बता रही थीं। 2006 के फैसले में पांच जजों की बेंच ने कहा था कि एससी-एसटी वर्ग को प्रमोशन में आरक्षण देना अनिवार्य नहीं है। ऐसा करने के इच्छुक राज्यों के लिए कुछ शर्तें रखी गई थीं।
महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव ने कहा- कोर्ट से आग्रह करेंगे यथास्थिति को हटाते हुए पदोन्नति का रास्ता खोल दें। उन्होंने कहा कि प्रमोशन में आरक्षण देने की संवैधानिक रूप से प्रदत्त व्यवस्था लागू रहेगी। इस पर कोर्ट ने रोक नहीं लगाई है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में प्रमोशन पर लगी रोक बरकरार रहेगी। कर्मचारियों के प्रमोशन में यथास्थिति की कोर्ट की जो व्यवस्था है, उसे हटाए जाने के लिए हम फिर से अपील करेंगे।
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