भोपाल। 'नोट फॉर वोट' के तो कई मामले सामने आए परंतु ऐसी ट्रिक पहली बार सामने आ रही है। शिवराज सिंह सरकार ने लम्बे समय तक किसानों का भावांतर भुगतान योजना का पैसा अटकाए रखा, अब जबकि आचार संहिता लागू होने वाली है, तो उसके ठीक पहले 1200 करोड़ रुपए किसानों के खातों में ट्रांसफर किया जाएगा। मप्र के सहकारी बैंकों में नगदी की कमी होती है। किसान को पैसा मिलते मिलते वोटिंग की तारीख भी पास आ जाएगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंदसौर और नीमच में इसके लिए बड़ा कार्यक्रम करेंगे। बता दें कि यहीं पर किसान आंदोलन उग्र हुआ था और इसी इलाके के किसानों ने शिवराज सिंह सरकार का सबसे बड़ा विरोध किया है। इस तरह किसानों को एक झटके में साधने की कोशिश की जाएगी। बताया जा रहा है कि सितंबर समाप्त होने से पहले राशि ट्रांसफर का लक्ष्य रखा गया है, क्योंकि अक्टूबर के पहले सप्ताह में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने की संभावना है। इसके बाद किसानों तक राशि वितरण में कम से कम 20 दिन का समय तो लगेगा ही।
कांग्रेस ने आपत्ति जताई तो और फायदा होगा
इसे ही राजनीति कहते हैं। शिवराज सरकार ने ऐसी चाल जमाई है कि एक तरफ सरकारी पैसे से किसानों को वोट के लिए प्रभावित किया जा सकेगा और यदि कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताई तो उसे किसान विरोधी करार दे दिया जाएगा।
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