भोपाल। मध्यप्रदेश के जल संसाधन विभाग के अंतर्गत जल उपभोक्ता संस्था अध्यक्षों (सिंचाई अध्यक्षों) का कार्यकाल पांच वर्ष से घटाकर 2 वर्ष कर दिया गया है। सरकार के इस फैसले पर संस्था अध्यक्षों ने नाराजगी जताई है। कार्यकाल घटाने से नाराज सैकडों संस्था अध्यक्षों ने राजधानी भोपाल के नीलम पार्क में दो दिवसीय धरने पर बैठे है। जल उपभोक्ता संस्था के प्रदेश अध्यक्ष हाकिम सिंह रावत का कहना है कि मंडी, सहकारिता, नगरीय निकाय एवं पंचायत सभी संस्थाओं में चुने हुए प्रतिनिधियों/ सदस्य का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है बायलोज के हिसाब से जल उपभोक्ताओं संस्था अद्यक्षों /सदस्यों का चुनाव भी 5 वर्ष किया जावे।
रावत का कहना है कि 2 वर्ष का समय बहुत अल्पकाल अवधि का होता है जिससे अध्यक्ष एवं सदस्य किसानों की समस्याओं का निराकरण नही कर पाते न ही वे अपनी संस्था के क्षेत्र में समुचित विकास कार्य कर पाते है। यदि शासन दोबारा जल उपभोक्ता संस्थाओं के अध्यक्षों और सदस्यों का कार्यकाल बढाता है तो चुनाव में आने वाले खर्च की बचत होगी एवं खर्च राशि किसानों से टैक्स के रुप में वसूली जाती है उसकी भी बचत होगी इससे किसान कर्ज से बचेगा और शासन का भी अनावश्यक खर्च भी बच जायेगा।
धरने में बैठे दर्जनों जल उपभोक्ता संस्था के अध्यक्षों ने सरकार से उनका कार्यकाल दो वर्ष से बढाकर 5 वर्ष करने की मांग की है एवं उनके होने वाले चुनाव पर तत्काल रोक लगे की मांग भी है। संस्था अध्यक्षो ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगे दो दिन के भीतर नही मानी गई तो वे प्रदेश व्यापी अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे और विधानसभा चुनाव में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसकी सम्पूर्ण जबावदारी शासन एवं प्रशासन की होगी।
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