भोपाल। बीजेपी के अधिनायकों का मानना है कि एससी/एसटी एक्ट में संशोधन करके उन्होंने आरक्षित जातियों की सहानुभूति अर्जित कर ली है। पार्टी नेता यह दावा करते हैं कि भाजपा में हमेशा से समरसता रही है। यहां जातिवाद, परिवारवाद, पट्ठावाद और ऐसे कोई वाद नहीं होते परंतु बीजेपी के अनुसूचित जाति के नेता एवं विधायक पन्नालाल शाक्य ने भाजपा में चलने वाले जातिवाद की पोल खोलकर रख दी।
मध्यप्रदेश के गुना में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में उन्होंने अपना दर्द बयां किया। उन्होंने बताया कि लगातार 30 साल तक उन्हे पीछे धकेला जाता रहा। आरएसएस से जुड़े होने के बावजूद उन्हे महत्व नहीं दिया जाता था। अंतत: 2013 में उन्हे टिकट मिला और वो चुनाव जीते। सनसनीखेज बयानों के लिए मशहूर भाजपा विधायक पन्नालाल शाक्य जिले की अनुसूचित विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए थे।
पूर्व में सरकारी शिक्षक रहे विधायक ने मंच से बयान देते हुए कहा कि 1977 से 2008 तक लगातार उन्हें पीछे धकेला गया, लातें मारी गई लेकिन उसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और मेहनत करते रहे। पन्नालाल ने कहा कि भले ही लोग उन्हें पीछे खींचते रहे लेकिन पन्नालाल ने 7 जन्मों तक परिस्थितियों से लड़ने मन बना लिया था।
अपनी ही पार्टी को निशाने पर लेते हुए विधायक शाक्य ने बता दिया की बीजेपी की अंदर अनुसूचित वर्ग की स्थिति कितनी दयनीय है। पन्नालाल शाक्य शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मौजूद खिलाडियों को हौंसला देते बता रहे थे कि संघर्ष करते रहें, यदि योग्यता है तो सफलता एक ना एक दिन जरूर मिलेगी।
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