भोपाल। बेंगलुरु में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्याकांड का एमपी कनेक्शन सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि गौरी लंकेश की हत्या में जिस देसी पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था वो मध्यप्रदेश के बुरहानपुर का है। मामले की छानबीन के लिए बेंगलुरु पुलिस बुरहानपुर आई है।
एसटीएफ जबलपुर ने बुधवार को अवैध हथियारों के दो तस्करों को पकड़ा था। उनसे 28 देसी पिस्टल, 20 कारतूस और 6 मैग्जीन ज़ब्त किए थे। इकबाल सिंह और पातल्या वास्कले नाम के ये दोनों आरोपी बुरहानपुर के सिकलीगर हैं। वो ये कट्टे लेकर रीवा जा रहे थे। पुलिस को आशंका है कि चुनाव के लिए ये हथियार सप्लाई किए जा रहे थे। इन तस्करों से अब तक जो जानकारी मिली है उसके आधार पर पुलिस के सूत्र बता रहे हैं कि बंगलुरू में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या में बुरहानपुर के ऐसे ही देसी कट्टे का इस्तेमाल हुआ था।
कौन हैं गौरी लंकेश
गौरी लंकेश जन्म 29 जनवरी 1962 कन्नड़ की भारतीय क्रांतिकारी पत्रकार थीं। वे बंगलौर से निकलने वाली कन्नड़ साप्ताहिक पत्रिका लंकेश में संपादक के रूप में कार्यरत थीं। पिता पी. लंकेश की लंकेश पत्रिका के साथ हीं वे साप्ताहिक गौरी लंकेश पत्रिका भी निकालती थीं। 5 सितंबर 2017 को बंगलौर के राजराजेश्वरी नगर में उनके घर पर अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। वो दक्षिणपंथी संगठनों के खिलाफ लेख लिखतीं थीं।
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