भोपाल। जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने दावा किया है कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) के सब इंजीनियर संदीप अवस्थी को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। लोकायुक्त ने ये कार्रवाई जबलपुर के हाथीताल इलाके में स्थित सब इंजीनियर के आवास पर की लेकिन इस कार्रवाई में लोकायुक्त अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। सामान्यत: ऐसे अवसरों पर लोकायुक्त पुलिस गिरफ्त में आए अधिकारी की फोटो भी जारी करती है। अधिकारी को गिरफ्तार करने के बाद मीडिया को बुलाया जाता है। छापामार दल का नेतृत्व करने वाला अधिकारी मीडिया को बयान देता है। परंतु इस केस में ऐसा कुछ नहीं हुआ। सारी कार्रवाई गुपचुप हुई और बस कुछ खबरें जबलपुर के अखबारों में छपीं।
बताया गया है कि एनवीडीए के कटनी निवासी ठेकेदार नीलेश गौतम ने लोकायुक्त से सब इंजीनियर के द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की थी। लोकायुक्त टीम ने सब इंजीनियर को बुधवार को पकड़ा और शाम तक कार्रवाई चलती रही। लोकायुक्त पुलिस के अनुसार, ठेकेदार नीलेश गौतम ने एनवीडीए के बरगी बांध की दाईं तट नहर का ठेका लेकर काम किया है।
2-3 काम करने के बाद विभागीय प्रक्रिया के तहत बिल लगाए, जिनमें कुछ कमियां बताई गईं। इसके बाद ठेकेदार नीलेश ने सब इंजीनियर संदीप अवस्थी से संपर्क किया। उसने ठेकेदार को विभाग से 8 लाख के बिलों को पास कराने के लिए अलग से रुपए की मांग की। इसके बाद सब इंजीनियर और ठेकेदार के बीच एक लाख रुपए में सौदा तय हुआ।
ठेकेदार नीलेश ने एनवीडीए के सब इंजीनियर से रिश्वत की राशि को कुछ कम करने के लिए कहा था लेकिन वह तैयार नहीं हुआ। तब ठेकेदार ने लोकायुक्त जबलपुर से शिकायत कर दी। लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा ने टीम के साथ सब इंजीनियर के घर की रेकी की। पूरी टीम सब इंजीनियर के आवास के बाहर ही ताक लगाकर बैठ गई। ठेकेदार नीलेश गौतम ने सब इंजीनियर को फोन करके मिलने और रिश्वत की रकम देने को कहा। तब सब इंजीनियर ने ठेकेदार को दोपहर 12-12.30 बजे तक आने को कहा। दोपहर 12 बजे ठेकेदार नीलेश ने उपयंत्री संदीप को जैसे ही रिश्वत की राशि सौंपी तभी लोकायुक्त टीम ने उसे पकड़ लिया।
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