भोपाल। भारतीय जनता पार्टी अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि एससी एसटी एक्ट के विरोध में चल रहे सवर्ण एवं पिछड़ा वर्ग समाज के आंदोलन का विधानसभा चुनाव पर क्या असर पड़ेगा। इससे पहले शिवराज सिंह सरकार ने जनता को यह समझाने का प्रयास किया था कि एससी एसटी एक्ट का मुद्दा प्रदेश स्तर का नहीं है। सरकार का मानना था कि इससे विधानसभा चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
संबल का फायदा और सवर्ण के नुक्सान में तुलनात्मक अध्ययन
भाजपा अब शिवराज सरकार द्वारा चलाई गई वोट बटोरो योजना 'संबल' से मिलने वाले फायदे और सवर्ण आंदोलन से होने वाले नुक्सान तुलनात्मक अध्ययन कर रही है। विशेषज्ञ ठीक ठीक आंकलन तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं कि अंतत: क्या हो सकता है, फायदा होगा या नुक्सान। वो यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या सवर्ण आंदोलन के कारण अनुसूचित जाति के वो वोटर्स जो बीएसपी को परंपरागत वोट करते हैं, अब भाजपा के पक्ष में आ जाएंगे।
पेट्रोल/डीजल के मुद्दे पर केसे लड़ें
भाजपा यह रणनीति बनाने की कोशिश भी कर रही है कि पेट्रोल/डीजल के लगातार बढ़ते दामों के बाद आम जनता में जो नाराजगी सामने आ रही है उससे कैसे निपट जाए। इस मामले में भी शिवराज सिंह की टीम यह दलील दे रही है कि यह केंद्र का मुद्दा है और इससे विधानसभा चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा परंतु भाजपा को डर है कि यदि जनता के बीच यह मुद्दा बन गया कि सरकार टैक्स के अलावा प्रतिलीटर 4 रुपए अतिरिक्त भी ले रही है तब क्या होगा और ऐसी स्थिति में भाजपा की रणनीति क्या होगी।
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