भोपाल। सीएम हाउस में शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने देर रात मीटिंग की। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रस्तावित दौरे से लेकर प्रदेश में सामान्य वर्ग के लोगों द्वारा किए जा रहे आंदोलन पर चर्चा की गई। पार्टी नेताओं ने एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ बने माहौल को लेकर चर्चा की।
फार्मूला तैयार है, लागू करें या नहीं
सूत्रों का कहना है कि सरकार दवाब में आ गई है। भाजपा के कार्यकर्ता भी पार्टी मंच पर एक्ट का विरोध कर चुके हैं। अब तक एक दर्जन भाजपा नेता खुलेआम इस्तीफा भी दे चुके हैं। अफसरों ने इस मामले में कुछ फार्मूले सुझाए हैं। अब इस बात पर मंथन किया जा रहा है कि यदि कोई फार्मूला लागू किया गया तो उसका क्या असर होगा। आरक्षित जातियां कितनी नाराज होंगी और क्या कुछ फायदे होंगे।
क्यों किया जा रहा है एससी/एसटी एक्ट का विरोध
एससी/एसटी एक्ट का लगातार हो रहे दुरुपयोग के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें एक्ट को खत्म करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने एक्ट को खत्म तो नहीं किया परंतु मौजूदा आंकड़ों के बाद यह पाया कि एससी/एसटी एक्ट का दुुरुपयोग हो रहा है अत: इस मामले में शिकायत मिलते ही एफआईआर और गिरफ्तारी की शर्त को हटा दिया। पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने एक अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी कर दिया। इसी के बाद अनारक्षित जातियों के लोग भड़क गए। उनका कहना है कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट में लड़ना चाहिए था, इस तरह अध्यादेश लाकर उसने गलत किया।
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