भोपाल। मध्यप्रदेश में एससी एसटी एक्ट के खिलाफ चल रहे छापामार प्रदर्शनों के बीच अनुसूचित जाति जनजाति के कर्मचारियों का संगठन 'अजाक्स' महासम्मेलन करने जा रहा है। यह 23 सितम्बर को होगा जबकि भाजपा का कार्यकर्ता महाकुंभ 25 सितम्बर को है। चुनावी माहौल के बीच कार्यकर्ताओं को जुटाने में भाजपा के पसीने छूट रहे हैं और अजाक्स ने दावा किया है कि महासम्मेलन में कम से कम 1 लाख लोग होंगे।
अजा-अजजा एवं पिछड़ा वर्ग संयुक्त मोर्चा के बैनर तले हो रहे इस महासम्मेलन में सरकार से विभिन्न मांग की जाएगी। संयुक्त मोर्चा ने पहले 24 जून को राजधानी में बड़ा सम्मेलन करने की तैयारी की थी, तब केंद्रीय मंत्री थावरचंद्र गहलोत के दखल एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा एक महीने के भीतर मांग पूरी करने का आश्वासन देने के बाद कार्यक्रम स्थगित कर दिया था। इसके बाद सरकार ने 3 महीने के भीतर मांग पूरी नहीं की है। ऐसे में संयुक्त मोर्चा अब मांग पूरी कराने के लिए भोपाल में बड़ी रैली करने जा रहा है।
ओबीसी को भी अपने साथ मिलाने की प्लानिंग
अजाक्स के लोग इस बार ओबीसी को भी अपने साथ शामिल कर रहे हैं। 23 सितंबर को होने वाले आयोजन में ओबीसी को 52 फीसदी आरक्षण देने की मांग की जाएगी। केंद्र एवं अन्य राज्यों में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण मिलता है, जबकि मप्र में महज 14 फीसदी की आरक्षण है। सरकार ने बैकलॉग पदों पर भर्ती नहीं की। सालों से खाली है। सम्मेलन में इन मुद्दे को उठाया जाएगा।
हिंसा बताकर हमारे लोगों पर दर्ज किए थे प्रकरण
अजाक्स के प्रवक्ता विजय शंकर श्रवण ने बताया कि प्रमोशन में आरक्षण एवं एट्रोसिटी एक्ट को लेकर भोपाल में बड़ा सम्मेलन करने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि सरकार अजा, अजजा एवं ओबीसी के हितों की रक्षा नहीं कर रही है। 2 अप्रैल के शांतिपूर्ण आंदोलन को हिंसक बताकर आरक्षित वर्ग के लोगों पर झूठे प्रकरण दर्ज किए गए। पुलिस की गोली से 6 लोग मारे गए, लेकिन एक रुपए की मदद नहीं मिली। जबकि किसानों को सरकार 1-1 करोड़ का मुआवजा दे रही है।
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