जबलपुर। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा की गिरफ्तारी पर लगाई गई रोक हाईकोर्ट ने हटा दी है। मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने सीएम शिवराज सिंह को बदनाम करने के लिए दस्तावेजों की कूटरचना की। पुलिस ने जांच कर मामला न्यायालय में पेश कर दिया था। मिश्रा की याचिका पर हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी परंतु अब उसे हटा दिया गया है।
जस्टिस एसके पालो की एकलपीठ ने कहा कि ट्रायल कोर्ट में मिश्रा लगातार अनुपस्थित हो रहे हैं। इसके अलावा पिछले डेढ़ साल पहले दी गई राहत के बावजूद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता बार-बार मोहलत ले रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि न्याय हित में आवेदक को दी गई राहत वापस ली जाती है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को निर्धारित की है। इस तारीख पर मिश्रा को न्यायालय में पेश होना होगा। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 2016 को मिश्रा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
भोपाल की अदालत ने एक प्रकरण में मिश्रा की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। प्रकरण के अनुसार मिश्रा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। मिश्रा का कहना था कि बालाघाट में एसएस मिनरल्स शिवराज और उनकी पत्नी की कंपनी है और मुख्यमंत्री ने पद का दुरुपयोग करते हुए कंपनी को खदानें आवंटित कराईं। इस मामले में मिश्रा के खिलाफ संजय नायक ने हबीबगंज पुलिस थाने में जालसाजी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने संबंधी एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया। समन जारी होने के बावजूद पेश नहीं होने पर कोर्ट ने मिश्रा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था। मिश्रा ने गिरफ्तारी से बचने हाईकोर्ट में अर्जी दायर की थी।
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