रतलाम। एससी एसटी एक्ट के विरुद्ध शुरू हुए आंदोलन ने नेताओं को घरों में दुबकने के लिए मजबूर कर दिया। यहां तक कि हाई सिक्योरिटी प्राप्त सीएम शिवराज सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी अपना दौरा रद्द करना पड़ा।
बता दें कि 9 सितंबर को नयागांव (नीमच) में मंत्री अर्चना चिटनीस व सांसद सुधीर गुप्ता का कार्यक्रम था जो सवर्ण आंदोलन के कारण रद्द हुआ। इसी प्रकार 12 सितंबर को जावरा (रतलाम) में अमित शाह किसान महासम्मेलन रद्द हुआ। हालात यह थे विरोध में शामिल किसानों ने सम्मेलन में आने और कार्यकर्ताओं ने किसानों को सभा तक लाने से ही इंकार कर दिया था। 14 सितंबर को अयाना में सांसद सुधीर का कार्यक्रम रद्द हुआ। इससे पहले गुप्ता को कई बार काले झंडे दिखाए जा चुके हैं। इसी तरह 17 सितंबर को रावटी में सीएम शिवराज सिंह चौहान आने वाले थे परंतु आंदोलन के कारण कार्यक्रम रद्द हुआ।
क्यों किया जा रहा है एससी/एसटी एक्ट का विरोध
एससी/एसटी एक्ट का लगातार हो रहे दुरुपयोग के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें एक्ट को खत्म करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने एक्ट को खत्म तो नहीं किया परंतु मौजूदा आंकड़ों के बाद यह पाया कि एससी/एसटी एक्ट का दुुरुपयोग हो रहा है अत: इस मामले में शिकायत मिलते ही एफआईआर और गिरफ्तारी की शर्त को हटा दिया। पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने एक अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी कर दिया। इसी के बाद अनारक्षित जातियों के लोग भड़क गए। उनका कहना है कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट में लड़ना चाहिए था, इस तरह अध्यादेश लाकर उसने गलत किया।
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