भोपाल। बड़ी खबर आ रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया की धर्मपत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया ने शिवपुरी विधानसभा से अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वाया है। इसी के साथ राजनीति में नई चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। क्या प्रियदर्शिनी राजे शिवपुरी विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहीं हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी के सभी नेता चाहते हैं कि कम से कम 30-40 नए चेहरे ऐसे उतारे जाएं जिनकी जीत पर कोई संशय ही ना हो। प्रियदर्शिनी राजे इस लिस्ट में सबसे ऊपर हैं।
एक चर्चा यह भी है
यह बताने की जरूरत नहीं कि गुना लोकसभा सीट और इसके अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं पर सिंधिया राजघराने का दशकों पुराना कब्जा है। राजमाता विजयाराजे सिंधिया, बुरे वक्त में माधवराव सिंधिया और अब उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं। एक वक्त था जब माधवराव सिंधिया का ग्वालियर लोकसभा पर कब्जा था। लोकसभा के अंतर्गत आने वाली हर विधानसभा, यहां तक कि नगरपालिका और पार्षद तक माधवराव सिंधिया समर्थक ही हुआ करता था। अब ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कुछ ऐसा ही प्लान कर रहे हैं। 2013 की शिवराज और मोदी की आंधी में वो अपनी लोकसभा में कांग्रेस की दम दिखा चुके हैंं। इस बार वो शिवपुरी जिले की शिवपुरी और पोहरी विधानसभा भी जीतना चाहते हैं।
तो फिर बुआजी कहां जाएंगी
यशोधरा राजे सिंधिया ने अपनी राजनीति की शुरूआत शिवपुरी विधानसभा से की थी परंतु वो खुद को राजमाता विजयाराजे सिंधिया की उत्तराधिकारी बतातीं हैं। राजमाता लोकसभा चुनाव लड़तीं थीं। यशोधरा राजे सिंधिया भी ग्वालियर से लोकसभा चुनाव जीत चुकीं हैं। इसके बाद फिर शिवपुरी लौट आईं लेकिन इन 5 सालों में से 2 साल उनके काफी तनावपूर्ण बीते हैं। सीएम शिवराज सिंह एवं मध्यप्रदेश के नौकरशाहों से उनकी पटरी कुछ अच्छी नहीं जम पाई। माना जा रहा है कि वो लोकसभा के लिए जाएंगी और घुटना भी पेट की तरफ ही झुकेगा।
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