भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ का एक और फैसला पार्टी में जबर्दस्त विरोध के बाद निरस्त कर दिया गया। इससे पहले उनके द्वारा की गईं कुछ नियुक्तियों पर विवाद हो चुका है। कमलनाथ की अनुशंसा के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने यह आदेश 2 सितम्बर को जारी किया था जो 7 दिन भी नहीं टिक पाया।
यह आदेश जारी किया था
कांग्रेस उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने 2 सितम्बर को एक पत्र जारी किया था। इसमें विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदारों के सामने कुछ शर्तें रखीं गईं थीं। दावेदारों को सोशल मीडिया पर ना केवल एक्टिव रहना अनिवार्य किया गया था बल्कि लोकप्रियता की भी शर्त थी। कांग्रेस ने दावेदारों से उनके फेसबुक पेज पर 15 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स और ट्विटर पर पांच हज़ार फॉलोअर्स होने चाहिए। इसके अलावा वॉट्सएप के ग्रुप भी होने चाहिए। जिसमें बूथ लेवल के कार्यकर्ता जुड़े हों।
अब अपना ही आदेश निरस्त करना पड़ा
आज 9 सितम्बर को कांग्रेस उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने एक नया पत्र जारी किया है जिसमें लिखा है कि 'मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सोशल मीडिया से सम्बंधित मेरे द्वारा जारी निर्देश निरस्त किया जाता है।' शब्द बता रहे हैं कि चंद्रप्रभाष खुद को कितना अपमानित महसूस कर रहे हैं। दरअसल, कमलनाथ ने पिछले दिनों सोशल मीडिया पर कांग्रेस की उपस्थिति को लेकर नाराजगी जताई थी। उसके बाद यह बवाल हुआ।
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