भोपाल। प्रदेश भर में चल रहे एससी/एसटी एक्ट के जबर्दस्त विरोध के बीच पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर ने दावा किया है कि इस विरोध से भाजपा को कोई नुक्सान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह नाराजगी बिल्कुल वैसी ही है, जैसे पत्नी अपने पति से नाराज हो जाती है परंतु रहना तो उसे पति के साथ ही है।
उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव से पहले कोई खास लहर नजर नहीं आ रही। पिछले चुनाव में मोदी लहर थी। माहौल बीजेपी के हक में था। इस बार विधानसभा चुनाव के नतीजे उम्मीदवारों पर निर्भर करेंगे। जीताऊ उम्मीदवार से ही पार्टी को चुनाव में फायदा होगा। क्या इस चुनाव में एससी एसटी एक्ट का प्रभाव देखने को मिलेगा। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सवर्ण और ओबीसी वर्ग ही बीजेपी का बड़ा वोटबैंक है। उन्होंने ही पार्टी को बनाया है। इस कानून में बदलाव की मांग थी। इस कानून में बेल का अधिकार मिलना चाहिए। सवर्ण चाहें जितने नाराज हो जाए ये नाराजगी इस तरह है जैसे पत्नी पति से भले कितना नाराज हो जाए लेकिन उसे रहना पति के साथ ही पड़ता है। इसलिए सामान्य और पिछड़ा वर्ग के वोट बीजेपी को ही मिलेंगे।
कोई पार्टी सवर्णों के सपोर्ट में नहीं आएगी: बीजेपी
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा गया है कि इसके खिलाफ सवर्ण नाराजगी से बीजेपी को नुकसान इसलिए नहीं होगा क्योंकि सवर्ण नाराजगी को कोई नेतृत्व नहीं मिलेगा। कोई भी पार्टी इसके सपोर्ट में आने की हिम्मत नहीं करेगी। जबकि दलित नाराजगी तो आंदोलन बन सकती थी। इसलिए दलित नाराजगी का बड़ा खामियाज़ा बीजेपी को उठाना पड़ जाता। आखिर बीजेपी ये कैसे भूल सकती है कि दलितों और पिछड़ों के वोट के बिना 2014 का चुनाव किसी हाल में नहीं जीता जा सकता था।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com