इंदौर। मध्यप्रदेश के नीमच में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एससी एसटी एक्ट को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच एक लुभावना बयान दिया है। उन्होंने ऐलान किया है कि मप्र में हर वर्ग को न्याय मिलेगा। किसी भी निर्दोष के खिलाफ कायमी नहीं होगी। याद दिला दें कि सीएम ने ऐसे आदेश जारी नहीं किए हैं, अत: इसे केवल चुनावी बयान माना जा रहा है। यह भी याद दिला दें कि इससे ठीक 1 दिन पहले ग्वालियर में 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत कायमी की जा चुकी है जबकि वो एक लापरवाह पार्षद के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे।
क्या हुआ है ग्वालियर में
ग्वालियर में आरक्षित वर्ग के पार्षद ने 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारियां भी शुरू कर दीं थीं परंतु एक्ट विरोधियों के तीव्र विरोध के बाद गिरफ्तारियों को स्थगित कर दिया गया। ग्वालियर के वार्ड 21 में एक चेंबर खुला पड़ा है। लोग इसमेें गिरकर घायल हो रहे हैं। पार्षद की जिम्मेदारी है कि वो चेंबर बंद कराए परंतु उसने ऐसा नहीं किया। घटना वाले दिन करीब 4 लोग खुले चेंबर का शिकार हुए और पब्लिक भड़क गई। उन्होंने पार्षद के घर जाकर विरोध प्रदर्शन किया। पार्षद ने सभी के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करा दिया।
क्यों किया जा रहा है एससी/एसटी एक्ट का विरोध
एससी/एसटी एक्ट का लगातार हो रहे दुरुपयोग के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें एक्ट को खत्म करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने एक्ट को खत्म तो नहीं किया परंतु मौजूदा आंकड़ों के बाद यह पाया कि एससी/एसटी एक्ट का दुुरुपयोग हो रहा है अत: इस मामले में शिकायत मिलते ही एफआईआर और गिरफ्तारी की शर्त को हटा दिया। पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने एक अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी कर दिया। इसी के बाद अनारक्षित जातियों के लोग भड़क गए। उनका कहना है कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट में लड़ना चाहिए था, इस तरह अध्यादेश लाकर उसने गलत किया।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com