भोपाल। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा घोटाले में एक और नया आरोप सामने आया है। गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन ने दावा किया है कि अनारक्षित वर्ग के 24 उम्मीदवारों को आरक्षित कोटे में भर्ती कर लिया गया। यूनियन ने शहडोल कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें यह शिकायत की गई है।
गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन ने भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। यूनियन का आरोप है कि अनुसूची जनजाति की सीट पर फर्जी उम्मीदवारों और गैर आदिवासियों की नियुक्ति की गई। आरक्षित वर्ग की सीट पर गलत तरह से नियुक्ति पाने वालों 24 लोगों के नाम की एक लिस्ट जारी की है। आरोप है कि इन लोगों को आरक्षित वर्ग के स्थान पर नियुक्ति दी गई है। उन्होंने प्रशासन से दस्तावेजों की ध्यानपूर्वक जांच करने की बात कही है। गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन ने इस बारे में शहडोल कलेक्टर को लिखित शिकायत की है।
यूनियन ने आरोप लगाया है कि अनुसूची जनजाति में जिन जातियों को स्थान दिया गया है उनको हटा कर ओबीसी वर्ग का दर्जा देकर फर्जीवाड़ा किया गया है। ये शिकायत ऐसे में समय में आई है जब चयनित उम्मीदवारों के दस्तावेजों का सत्यापन किया जा रहा है। यूनियन का दावा है कि चयनित उम्मीदवारों ने फर्जी तरह से नियुक्ति पाई है। उन्होंने कहा कि मांझी जाति ही अनुसूची जनजाति में आती है। जबकि केवट, भोई, मल्लाह जैसी जाति पिछड़ा वर्ग में आती हैं।
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