MPPSC: आरक्षण को लेकर एक नया झमेला @ Reservation rule

Bhopal Samachar
भोपाल। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित कराई गई सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2017 के विवादों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। अब एक नया झमेला सामने आया है। कंडिका 01 में लिखा है कि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों का अनारक्षित कोटे की सीट पर चयन हो सकता है परंतु तब जबकि उसने जीवन में पहले कभी आरक्षण का लाभ ना लिया हो। सवाल यह है कि लोक सेवा आयोग यह जांच कैसे करेगा कि उम्मीदवार ने जीवन में कभी आरक्षण का लाभ लिया या नहीं। 

यह मुद्दा डॉक्टर अनिल जैन dr.anil1008@gmail.com ने भोपाल समाचार डॉट कॉम के पास भेजा है। उन्होंने लिखा है कि जारी चयन सूची के अंत में आयोग द्वारा टीप प्रकाशित की गई, जिसकी कंडिका 01 में लिखा है कि "मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ -7-46/99/आ. प्र./1 भोपाल दिनांक 7 नबम्बर मैं दिए गए निर्देशों के तहत अनारक्षित (ओपन) पदों पर चयन हेतु निर्धारित मापदंड के तहत आरक्षित वर्ग के वही आवेदक ऐसे ओपन पदों पर चयनित किए जाते हैं जो कि हर प्रकार से सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के समान ही बिना किसी रियायत के योग्यता प्राप्त किए हैं  जिसके तहत किसी प्रकार की रियायत को प्राप्त किए बिना तथा मेरिट में आने पर ही आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों का चयन मेरिट वर्णानुक्रम के आधार पर अनारक्षित पदों पर किया जाता है।"

उक्त कंडिका के अध्ययन उपरांत यह आभास होता है कि इस परीक्षा में अगर आरक्षित वर्ग का अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी में चयनित हुआ है तो उसने पूर्व में बिना किसी रियायत की योग्यता प्राप्त की हो। इन तथ्यों का आकलन कैसे हो सकेगा की पूर्व में आवेदक किसी तरह का लाभ प्राप्त है या नहीं इस संबंध में आयोग से भी अपेक्षा है, कि स्थिति स्पष्ट हो सके।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!