MPTET: हर वर्ग के लिए Bed अनिवार्य तो Ded वाले क्या करेंगे | khula khat @ mppeb

Bhopal Samachar
आदरणीय संपादक महोदय जी, सादर नमस्‍कार, म.प्र शिक्षक भर्ती के निम्‍न नियमों के अवलोकन की कृपा करें ताकि राज्‍य के शिक्षित बेरोजगार युवाओं का भविष्‍य सुरक्षित हो सके।

1-  वर्तमान शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बीएड को सभी वर्गो में मान्‍य किया जा रहा है जबकि पूर्व भर्ती प्रक्रिया में वर्ग तीन शिक्षक भर्ती में इसको शामिल नहीं किया गया था जिससे राज्‍य के लाखों छात्रों ने वर्ग तीन भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए डीएड किया अब बीएड को वर्ग तीन में शामिल करने से उनकी प्रतिस्‍पर्धा बढ़ गई है जबकि यह नियम एनसीटीई ने पूर्व में ही बना दिया था कि बीएड को वर्ग तीन प्राइमरी शिक्षक भर्ती में शामिल किया जाएगा जिसका पालन पूर्व की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया 2013 में नही हुआ जिससे हजारों छात्रों ने बीएड के उपरांत भी डीएड किया जिससे उनको समय व धन की हानि हुई है व बीएड को अब वर्ग तीन में शामिल किए जाने से उनकी प्रतिस्‍पर्धा बढ़ गई है जिन्‍होने बीएड के स्‍थान पर डीएड किया।

2-  वर्ग 1 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में डीएड वाले पीजी छात्रों को मौका नहीं दिया जा रहा है जबकि शासन हाईस्‍कूल में पदस्‍थ डीएड प्रशिक्षित पूर्व शिक्षकों को डिस्‍टेंस एजुकेशन से बीएड व मिडिल में पदस्‍थ बीएड शिक्षकों को डीएड का 6 माह का डिस्‍टेंस से प्रशिक्षण देगा। अत: डीएड वाले अभ्‍यार्थियों को जो कि पीजी डिग्री किए हुए है, उन्‍हें भी शासन को वर्ग 1 परीक्षा में मौका देना चाहिए व चयनित होने के उपरांत उनको भी डिस्‍टेंस से 6 माह का बीएड का प्रशिक्षिण दिया जा सकता है इससे उनको भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का मौका मिलेगा।

3- म.प्र की नौकरियों में अन्‍य राज्‍यों के आवेदकों को मौका दिया जा रहा है जबकि अन्‍य राज्‍य अपने प्रदेश के लोगों के हित संरक्षित रखते है राजस्‍थान शिक्षक भर्ती परीक्षा में 1 बर्ष का राजस्‍थान की शासकीय अशासकीय संस्‍था में शिक्षण का अनुभव मांगा जाता है जिससे अन्‍य राज्‍य के आवेदक आवेदन से वंचित हो जाते है जबकि म.प्र सरकार म.प्र के लोगो के अवसर अन्‍य राज्‍यों के आवेदकों को मौका देकर कम कर रही है जिसका सबसे ज्‍यादा नुकसान सामान्‍य वर्ग के अभ्‍यार्थियों को है क्‍योंकि अन्‍य राज्‍य के आवेदक सामान्‍य सीटो पर ही आवेदन करते है जिससे उनको नुकसान होता है कई राज्‍य सिर्फ 3 प्रतिशत सीटों पर ही अन्‍य राज्‍य के लोगो को मौका देते है जबकि म.प्र में अन्‍य राज्‍य के लोग सीधे सामान्‍य सीटो पर चयनित हो रहे है उदा. विगत पुलिस भर्ती जिसमें सामान्‍य सीटों पर म.प्र के सिर्फ 1300 लोग ही चयनित हो पाये बाकी पद अन्‍य राज्‍य के उम्‍मीदवार ले गये।

4- म.प्र में इग्‍नू व आईसेक्‍ट भोपाल ने 2011 मे दो बर्षीय पत्राचार कोर्स डी.एल.एड शुरू किया था जिसकी प्रथम परीक्षा जून 2013 में हुई व रिजल्‍ट सितंबर 2015 में आया उसमें भी कई सबजेक्‍ट का रिजल्‍ट नहीं दिया दिसंबर 2015 में छात्रों ने द्वितीय बर्ष की परीक्षा दी व फिर जून 2016 में प्रथम परीक्षा के कई विषयों का रिजल्‍ट न आने से दुबारा लेट फीस देकर पुन: प्रथम परीक्षा के परिणाम लंबित विषयों की परीक्षा दी जिससे उनको धन व समय की हानि हुई दो बर्ष का यह कोर्स 5 साल में इग्‍नू ने पूरा कराया छात्र मानसिक, आर्थिक रूप से परेशान होते रहे व पाठ्यक्रम में देरी से उनके कई अवसर हाथ से निकल गए व कई ओवरएज हो गये तब भी म.प्र शासन ने छात्रहित में कोई प्रयास नहीं किया। उदा- एग्‍जाम सेंटर 1565D शासकीय पीजी कालेज नरसिंहपुर में मेरे द्वारा व इस एग्‍जाम सेंटर के सभी छात्रों द्वारा विषय बी.ई.एस 002 की परीक्षा 24/6/13 को दी गई थी व रिजल्‍ट लंबे समय तक न आने से दुबारा इसी विषय की परीक्षा इसी एग्‍जाम सेंटर पर 16/6/16 दुबारा दी गई म.प्र के सभी जिलों में इग्‍नू ने किसी न किसी विषय का परीक्षा परिणाम लंबित रखा व छात्रों ने दुबारा परीक्षा दी  यह हाल है प्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों के व शासन प्रशासन ने कोई प्रयास नहीं किया।

5- म.प्र शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हो रहे कई उम्‍मीदवार तो ऐसे भी होगे जो प्राइवेट स्‍कूलों में नियमित शिक्षण कार्य कर रहें होगे व कई शासकीय विधालयों में अतिथिशिक्षक रहते हुए नियमित छात्र के रूप में डी.एड,बी.एड कर रहें होगे अथवा कालेज शिक्षा ले रहें होगें इनकी जॉंच का तो पता नहीं यदि यही अन्‍य राज्‍य के उम्‍मीदवार भी यही कर रहें होगें तो म.प्र शासन किस प्रकार की चयन प्रक्रिया रखेगा ताकि फर्जीवाड़ा न हो।

सादर धन्‍यवाद
आपका शुभेच्‍छु
आशीष कुमार बिलथरिया
उदयपुरा जिला रायसेन म.प्र मो.7999421407
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