भोपाल। मध्यप्रदेश में जारी सवर्ण एवं पिछड़ा वर्ग के विरोध को भाजपा हाईकमान गंभीरता से नहीं ले रहा है बल्कि वो तो खुश हैं कि यह आंदोलन अभी शुरू हुआ। दिल्ली के पत्रकार राकेश मोहन चतुर्वेदी की रिपोर्ट के अनुसार एक मंत्री ने उनसे कहा, 'सवर्ण जातियों के मतदाताओं के पास हमें वोट करने के अलावा बहुत ज्यादा विकल्प नहीं हैं। यह अच्छा है कि वह अभी गुस्सा निकाल रहे हैं। लोकसभा चुनाव आने तक यह गुस्सा समाप्त हो जाएगा।
यह आंदोलन तो फायदा देगा
पत्रकार राकेश मोहन बताते हैं कि भाजपा के नेताओं का कहना है कि सवर्ण जातियों का आंदोलन दलितों को बीजेपी के पक्ष में ला सकता है। ऐसे में बीजेपी दलित जातियों को लुभाने के अपने अभियान पर आगे बढ़ेगी। पार्टी की इसी रणनीति के तहत अमित शाह अकसर दलितों के घरों का दौरा करते हैं और उनके साथ भोजन करते हैं।
अब बस ओबीसी चाहिए
राकेश मोहन के अनुसार बीजेपी को लगता है कि 2019 में ओबीसी और एससी वोटरों के जरिए वह 2019 में भी वापसी कर सकेगी। अनुसूचिति जातियों को अपने पक्ष में लाने के लिए बीजेपी ने कई अभियान चलाए हैं परंतु इस आंदोलन से अब बीजेपी निश्चिंत है। उसे सिर्फ ओबीसी की फिक्र है। रणनीति बनाई जा रही है कि किस तरह ओबीसी वोटर्स को लुभाकर अपने साथ मिला लिया जाए।
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