नई दिल्ली। एससी/एसटी एक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अध्यादेश पारित करने के बाद अयोध्या राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है। एक बड़ा वर्ग चाहता है कि सरकार राम मंदिर निर्माण शुरू करवाए। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा हे कि बीती रात सपने में उन्होंने भगवान श्रीराम को रोते हुए देखा। वह बहुत दुखी थे।
अयोध्या में राममंदिर निर्माण की एक बार फिर पैरवी करते हुए उन्होंने देश के कट्टरपंथी मुसलमानों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के झंडे को इस्लाम का झंडा समझकर उससे मोहब्बत करने और उसे अपना ईमान समझने वाले कट्टरपंथी मुसलमान अयोध्या में श्रीराम की जन्मभूमि पर बाबरी पंजा जमाए हुए हैं।
अयोध्या को श्रीराम की जन्मभूमि बताते हुए उन्होंने मुस्लिम पैरोकारों को आड़े हाथों लिया और कहा कि यह मुस्लिमों के तीनों खलीफाओं का कब्रिस्तान नहीं है। उन्होंने उम्मीद जतायी की इस मामलें में सुप्रीम कोर्ट का फैसला जल्द ही आएगा और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि श्रीराम भी अब इस मुद्दे को लेकर उदास हो गए हैं।
बताते चलें कि राज्य सरकार की ओर से वाई प्लास श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त वसीम रिजवी लंबे समय से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का पक्ष लेते रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने जून माह में महंत नृत्यगोपाल दास से मुलाकात कर मंदिर निर्माण के लए दस हजार रुपए दान किए थे। यही नहीं राम मंदिर का विरोध कर रहे मुस्लिमों को लेकर भी वह कई बार सख्त बयान दे चुके हैं।
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