नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े विवाद अयोध्या श्रीराम मंदिर एवं बावरी मस्जिद विवाद का फैसला अब तय हो गया है। विजय दशमी के बाद 29 अक्टूबर से प्रतिदिन इसकी सुनवाई शुरू होगी और माना जा रहा है कि 31 मार्च 2019 तक इसका फैसला आ जाएगा। एक अनुमान लगाया जा रहा है कि सभी बिन्दुओं पर जबर्दस्त बहस होगी। इसमें काफी समय लगेगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने तय किया है कि वो इस मामले का जल्द निस्तारण करेगा। अप्रैल मई 2019 में लोकसभा चुनाव संभावित हैं।
कोर्ट ने अयोध्या मामले को धार्मिक मानने से इनकार कर दिया है है। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की सुनवाई प्रॉपर्टी डिस्प्यूट (जमीन विवाद) के तौर पर होगी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्षकारों की ओर से दलील दी गई थी कि मस्जिद में नमाज मामले पर जल्द निर्णय लिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को इस मुद्दे पर फैसला सुरक्षित रखा था।
1994 में इस्माइल फारूकी के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने फैसला दिया था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है। इसके साथ ही राम जन्मभूमि में यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया गया था, ताकि हिंदू धर्म के लोग वहां पूजा कर सकें।
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