नई दिल्ली। अटल बिहारी सरकार में कद्दावर मंत्री रहे वरिष्ठ भाजपा नेता जसवंत सिंह के विधायक बेटे मानवेंद्र सिंह ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 'कमल का फूल, बड़ी भूल' पचपदरा में अपनी बहु्प्रचारित स्वाभिमान रैली के बाद जसोल में मानवेंद्र ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ लिया है और वह आगामी लोकसभा चुनाव घर (बाड़मेर-जैसलमेर सीट) से लड़ेंगे।
कांग्रेस में जाने के सवाल पर मानवेंद्र ने कहा कि अब वह धन्यवाद यात्रा पर निकलेंगे, घर घर जाकर लोगों को धन्यवाद देंगे और आगे की राजनीतिक राह भी उनकी राय से ही तय करेंगे। इससे थोड़ी देर पहले ही मानवेंद्र ने स्पष्ट कहा, 'मैं अब भाजपा में नहीं हूं।' वहीं बाड़मेर के पास पचपदरा में अपनी बहुप्रचारित रैली में मानवेंद्र ने 'कमल का फूल, बड़ी भूल कहते हुए पार्टी से नाता तोड़ने का संकेत दिया था। रैली में कांग्रेस जिंदाबाद के नारों के बीच मानवेंद्र ने 'कमल का फूल, बड़ी भूल कहा।
इस स्वाभिमान रैली में बड़ी संख्या में राजपूत व अन्य वर्ग के लोग पहुंचे। रैली को संबोधित करते हुए मानवेंद्र ने कहा कि पार्टी आलाकमान व बड़े नेताओं के कहने पर वे साढ़े चार साल से धैर्य रखे हुए थे, लेकिन अब उनका धैर्य टूट गया है। उन्होंने कहा कि अपनी चिंताओं व मुद्दों के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पार्टी अध्यक्ष को अवगत करवाया था। मानवेंद्र ने कहा,'जब निर्णय लेने वाले निर्णय नहीं कर पाते तो धैर्य टूट जाता है।
बता दें, मानवेंद्र और भाजपा के रिश्ते बीते चार साल से तल्ख बने हुए थे। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जसवंत सिंह को बाड़मेर से टिकट देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद सिंह परिवार के पार्टी के साथ संबंध बिगड़ना शुरू हो गए। भाजपा से टिकट ना मिलने के बाद जसवंत सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। जिसके बाद मानवेंद्र सिंह ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ अपने पिता के लिए चुनाव प्रचार किया। इसके बाद भाजपा ने मानवेंद्र सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था।
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