ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में करीब दस दिन पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक नेता एवं कांग्रेस पार्षद द्वारा 100 लोगों के खिलाफ दर्ज कराए गए एससी-एसटी एक्ट मामले में नया मोड़ आ गया है। पार्षद चतुर्भुज धनोलिया ने एसपी के सामने जाकर कहा कि उन्होंने तो पुलिस को केवल सूचना दी थी। एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने को नहीं कहा था। जब एसपी ने यही बयान लिखित में मांगा तो पार्षद मुकर गए।
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष देवेंद्र शर्मा रमेश अग्रवाल के साथ एसपी नवनीत भसीन के पास पहुंचे पार्षद चतुर्भुज धनोलिया ने कहा कि करीब दस दिन पहले उसके यहां कुछ लोग आए थे। बातों बातों में जब इन लोगों से कहासुनी हो गई तो उसने पुलिस को मामले से अवगत कराया लेकिन उसने जातिगत अपमानित करने जैसा कोई आरोप नहीं लगाया। यह सब पुलिस का षडयंत्र है जिसमें मुझे फंसाया गया है। पार्षद के अनुसार वो समस्या लेकर आने वाली अपने ही क्षेत्र की जनता के खिलाफ ऐसा मुकदमा दर्ज क्यों करवाएंगे।
लिखित बयान देने से मुकर गए
एसपी श्री नवनीत भसीन द्वारा पार्षद से यही बात लिखित में मांगी तो उसने मना कर दिया और कहा कि वे स्वयं जांच करा लें और सीसीटीवी फुटेज देख लें, हकीकत सामने आ जाएगी। बता दें कि अभी दस दिन पहले वार्ड 21 के पार्षद चतुर्भुज धनोलिया ने 100 लोगों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था। वहीं इसी मामले में एक महिला ने पार्षद धनोलिया के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया था। सवर्ण समाज ने भी मामले की भनक लगते ही जमकर नारेबाजी करते हुए थाने का घेराव कर दिया था।
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