शिवपुरी। शिवपुरी, श्यापुर व ग्वालियर सीमा पर पार्वती नदी पर बनाए गए अपर ककेटो डैम भर जाने के कारण उसके गेट खोलना अवाश्यक हो गया था, लेकिन किसान अचानक बांध के दरवाजे के सामने आकर खड़े हो गए। जिसके कारण गेट नहीं खोले जा सके। वो विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, वो बांध के गेट के सामने खड़े रहेंगे। प्रशासन के हाथ पांच फूल गए हैं।
बीते दिनो से लगातार हो रही बारिश के कारण अपर ककेटो डेम लबालब भर गया। डेम का लेबल 369 फुट हैं और उसमे पानी 370 फुट हो गया। इस कारण डेम के गेट खोलना अतिआवश्यक हो गया, लेकिन जैसे ही गेट खोलने के डेम प्रबंधन ने सायरन और मुनादी कराई, शिवपुरी जिले की सीमा में आने वाला ग्राम बूड़दा के ग्रामीण डेम के गेटों के नीचे खडे हो गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे।
अपर केकेटो डेम शिवपुरी जिले की सीमा से होकर गुजरने वाली पार्वती नदी पर बनाया गया हैं। इसका पानी का भराव क्षेत्र 95 प्रतिशत श्योपुर जिले में होता हैं। जब डेम के गेट खोले जाते है तो पानी ग्वालियर की सीमा में छोडा जाता हैं। इस डेम के डूब क्षेत्र में श्योपुर जिले के अधिकाशं गांव आते है। शिवपुरी जिले का बैराड़ तहसील और गोवर्धन थाने का एक मात्र गांव बूड़दा का कुछ हिस्सा आता हैं।
सर्वे के दौरान बूड़दा गांव के मात्र 56 परिवार डूब क्षेत्र में आए थे, जिन्हे मुआवजा मिल गया। लेकिन जब डेम लबालब भर जाता है तो इस गांव के 200 परिवार इस डेम के भराव क्षेत्र में आ जाते हैं। इस गांव के चारों ओर पानी भरने लगता हैं, गांव टापू नुमा हो जाता है, पूरे रास्ते बंद हो जाते है। इस डेम में डूब क्षेत्र से प्रभावित परिवार पिछले कई सालों से मुआवजे की मांग कर रहे थे,लेकिन प्रशासन लगातार अनसुनवाई कर रहा था।
ग्रामीणो का कहना था कि जब डेम पूरा भर जाता हैं तो हमारे खेत डूब जाते है, हम अपने खतों पर खेती नही कर सकते। डेम का पानी हमारे खेतों में अतिक्रमण कर लेता हैं। सरकारी इंजीनियरो ने सर्वे गलत करा हैं। डूब क्षेत्र में हमारी जमीन आ जाती हैं इस कारण हमे मुआवजा चाहिए। लेकिन प्रशासन हमारी सुन नही रहा है।
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