भोपाल। सीएम शिवराज सिंह जब मंच से मध्यप्रदेश में विकास का निबंध सुनाते हैं तब ऐसा लगता है मानों सारे प्रदेश में खुशहाली ही खुशहाली लहरा रही है लेकिन कुछ घटनाएं प्रमाणित करतीं हैं कि एक अदद सड़क की मरम्मत के लिए ग्रामीणों को क्या क्या नहीं करना पड़ता। विदिशा जिले में कुछ ऐसा ही हुआ है। मंगलवार को सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर विदिशा-अशोकनगर हाईवे पर ग्रामीणों ने जाम लगा दिया। सालों से गड्ढो की समस्या जूझ रहे ग्रामीणों में इतना आक्रोश था कि हाकम सिंह रघुवंशी नाम का ग्रामीण तो आत्महत्या करने पेड़ पर चढ़ गया। जो सड़क की मरम्मत शुरू होने के बाद ही उतरा।
यहां बता दें, कि राज्यमंत्री सूर्यप्रकाश मीणा के क्षेत्र के इस बेलानारा गांव के ग्रामीणों ने 15 दिन पहले भी सड़क निर्माण कार्य की मांग को लेकर हाईवे पर इसी जगह चक्काजाम किया था। उस दौरान जनपद सीईओ ने तीन दिन में सड़क का अर्थवर्क कराने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद सड़क का काम शुरू नहीं हुआ तो 22 सितंबर को ये ग्रामीणों ने विदिशा आए सीएम शिवराज सिंह को गणेश मंदिर पहुंचकर सड़क की समस्या बताई थी। इस पर सीएम ने कलेक्टर को निर्देश दिए थे। बेला नारा गांव में सड़क के अलावा बिजली की समस्या से भी ग्रामीण बुरी तरह परेशान हैं। इस बारे में बिजली कंपनी के वी. पुंजाट, एसई ने बताया कि गांव के जले हुए ट्रांसफार्मर को जल्द ही बदलवाया जाएगा। पहले नियम अलग थे लेकिन अब संबल योजना में बिजली बिल माफी के बाद जले हुए ट्रांसफार्मर बदले जा रहे हैं।
अर्थ वर्क के लिए 50 हजार हो चुके थे मंजूर, फिर भी लेटलतीफी
इस मामले में लापरवाही का पहलु यह है कि पूर्व में ग्रामीणों द्वारा किए गए प्रदर्शन और ज्ञापन देने के बाद नटेरन जनपद सीईओ ने 50 हजार रुपए अर्थ वर्क के लिए स्वीकृत कर दिए थे। इसके बावजूद सड़क के निर्माण कार्य में लेटलतीफी की गई। इसकी वजह से मंगलवार को ग्रामीणों ने यह प्रदर्शन किया। जनपद सीईओ शंकर पासे ने इस मामले में लापरवाही की पूरी जिम्मेदरी सचिव विष्णु प्रसाद शर्मा पर डालकर उसे निलंबित कर दिया है।
यहां बता दें, कि राज्यमंत्री सूर्यप्रकाश मीणा के क्षेत्र के इस बेलानारा गांव के ग्रामीणों ने 15 दिन पहले भी सड़क निर्माण कार्य की मांग को लेकर हाईवे पर इसी जगह चक्काजाम किया था। उस दौरान जनपद सीईओ ने तीन दिन में सड़क का अर्थवर्क कराने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद सड़क का काम शुरू नहीं हुआ तो 22 सितंबर को ये ग्रामीणों ने विदिशा आए सीएम शिवराज सिंह को गणेश मंदिर पहुंचकर सड़क की समस्या बताई थी। इस पर सीएम ने कलेक्टर को निर्देश दिए थे। बेला नारा गांव में सड़क के अलावा बिजली की समस्या से भी ग्रामीण बुरी तरह परेशान हैं। इस बारे में बिजली कंपनी के वी. पुंजाट, एसई ने बताया कि गांव के जले हुए ट्रांसफार्मर को जल्द ही बदलवाया जाएगा। पहले नियम अलग थे लेकिन अब संबल योजना में बिजली बिल माफी के बाद जले हुए ट्रांसफार्मर बदले जा रहे हैं।
अर्थ वर्क के लिए 50 हजार हो चुके थे मंजूर, फिर भी लेटलतीफी
इस मामले में लापरवाही का पहलु यह है कि पूर्व में ग्रामीणों द्वारा किए गए प्रदर्शन और ज्ञापन देने के बाद नटेरन जनपद सीईओ ने 50 हजार रुपए अर्थ वर्क के लिए स्वीकृत कर दिए थे। इसके बावजूद सड़क के निर्माण कार्य में लेटलतीफी की गई। इसकी वजह से मंगलवार को ग्रामीणों ने यह प्रदर्शन किया। जनपद सीईओ शंकर पासे ने इस मामले में लापरवाही की पूरी जिम्मेदरी सचिव विष्णु प्रसाद शर्मा पर डालकर उसे निलंबित कर दिया है।