छतरपुर। 1998 में उमा भारती पर हुए जानलेवा हमले और फायरिंग की रिपोर्ट गलत थी। न्यायालय में यह अपराध प्रमाणित नहीं हो पाया और 11 आरोपी दोषमुक्त कर दिए गए। बता दें कि 1998 के चुनाव में कांग्रेस नेताओं पर उमा भारती ने जानलेवा हमले का आरोप लगाया था और उनके गार्ड ने एफआईआर दर्ज करवाई थी।
गौरतलब है फरवरी 1998 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान उमा भारती खजुराहो संसदीय क्षेत्र से भाजपा की प्रत्याशी थीं। 8 फरवरी की शाम चंद्रनगर में उन पर हमले की बात कही गई थी। 10वीं बटालियन एसएएफ डी कंपनी कैंप छतरपुर के एएसआई हरिओम प्रसाद लटौरिया उस दौरान उमा भारती के सुरक्षाकर्मी थे। हरिओम ने राजनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि दिन के करीब साढ़े 3 बजे तत्कालीन लोकसभा प्रत्याशी उमा भारती जैसे ही आम रोड पर पहुंची, आरोपियों ने उनके वाहन के सामने जीप अड़ा दी और पथराव कर गोली चलाई।
इन नेताओं को बनाया गया था आरोपी
कांग्रेस के वर्तमान जिलाध्यक्ष मनोज त्रिवेदी, अर्जुन सिंह, गोविंद सिंह, भगवानदास नामदेव, सलीम खान, हफीज उर्फ जमाल, रघुवीर प्रसाद, शहादत खान, संजीव राज, लखनलाल दुबे, शंकर नामदेव एवं फैयाज खान। जांच के दौरान मामले के दो आरोपी अशोक कुमार और इदरीश की मौत हो गई है।
फैयाज के अलावा सभी 11 आरोपी दोषमुक्त
इस मामले के एक आरोपी फैयाज अली लंबे समय तक फरार है, जिससे न्यायालय ने अब तक 11 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई कर मंगलवार को फैसला दिया गया। फैयाज के खिलाफ अलग से सुनवाई चल रही है। हत्या के प्रयास के बहुचर्चित मामले में बरी होते ही कांग्रेस जिलाध्यक्ष कोर्ट से सीधे मंदिर पहुंचे। मनोज ने बताया कि वे न्याय के मंदिर से सीधे भगवान के दर पर पहुंचे हैं। फैसले पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि 20 साल बहुत परेशान रहे, अब शांति मिली है।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com