नई दिल्ली। लगातार घाटे में चलने के बाद अंतत: रेल यात्रियों की ब्लैकमेलिंग यानि फ्लेक्सी फेयर सिस्टम खत्म करना ही पड़ा। रेल मंत्रालय ने फिलहाल 15 ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर बंद किया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने यह ऐलान किया। हालांकि रेल मंत्रालय से यात्रियों को दीपावली का तोहफा बताकर अपनी बिफलता और गलत नीति को छुपाने की कोशिश कर रहा है।
32 ट्रेनों में सीजन ऑफ के दौरान फ्लेक्सी फेयर सिस्टम लागू नहीं होगी। जबकि 101 ट्रेनों में जिनमें यात्रियों की संख्या ज्यादा है, अभी भी ये योजना लागू रहेगी। पीयूष गोयल का कहना है कि कुछ ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर की वजह से हर रोज सीटें खाली रह जाती थीं, इसलिए रेलवे ने इन 15 ट्रेनों से इस सिस्टम को हटाने का फैसला किया है। अब उम्मीद है कि सीटें खाली नहीं रहेंगी। क्योंकि फ्लेक्सी फेयर हटने से टिकट की कीमतों अब बढ़ोतरी नहीं होगी।
15 ट्रेनों की लिस्ट जिसमें फ्लेक्सी फेयर पूरी तरह से खत्म कर दिया गया
1. 12006 शताब्दी (कालका-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस),
2. 12012 शताब्दी (कालका-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस),
3. 12037 शताब्दी (नई दिल्ली-लुधियाना शताब्दी एक्सप्रेस),
4. 12038 शताब्दी (लुधियाना-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस),
5. 12043 शताब्दी (मोगा(लुधियाना)-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस),
6. 12044 शताब्दी (नई दिल्ली-मोगा(लुधियाना) शताब्दी एक्सप्रेस),
7. 12047 शताब्दी (नई दिल्ली-भटिंडा शताब्दी एक्सप्रेस),
8. 12048 शताब्दी (भटिंडा-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस),
9. 12085 शताब्दी (गुवाहाटी-डिब्रूगढ़ शताब्दी एक्सप्रेस),
10. 12086 शताब्दी (डिब्रूगढ़-गुवाहाटी शताब्दी एक्सप्रेस),
11. 12087 शताब्दी (Naharlagun-गुवाहाटी शताब्दी एक्सप्रेस),
12. 12088 शताब्दी (गुवाहाटी-Naharlagun शताब्दी एक्सप्रेस),
13. 12277 शताब्दी (हावड़ा-पुरी शताब्दी एक्सप्रेस),
14. 22205 दुरंतो (चेन्नई-मदुरई शताब्दी एक्सप्रेस),
15. 22206 दुरंतो (मदुरई-चेन्नई शताब्दी एक्सप्रेस).
क्या है फ्लेक्सी फेयर सिस्टम
राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों में पूर्व रेलमंत्री सुरेश प्रभु के कार्यकाल में फ्लेक्सी फेयर सिस्टम लागू किया गया था। इस सिस्टम के तहत एक तय सीमा में सीटें बुक होने के बाद किराये में बढ़ोतरी होना शुरू हो जाती है, जो अधिकतम 50 फीसदी तक होती है। यानि आपको 100 रुपए वाली सीट 150 रुपए की मिलती है। सरल शब्दों में कहें तो यह एक प्रकार की ब्लैकमेलिंग है। यात्री की जरूरत का फायदा उठाया जा रहा है। एक बर्थ सबसे पहली बुकिंग कराने वाले को सस्ती नहीं मिलती लेकिन सबसे आखरी बुकिंग कराने वाले को महंगी दी जाती है। बाजार की भाषा में इसे मुनाफाखोरी कहते हैं। भारतीय रेल ने 9 सितंबर 2016 को प्रीमियम रेलगाड़ियों के लिये फ्लैक्सी फेयर योजना पेश की थी। इनमें 44 राजधानी, 52 दुरंतो और 46 शताब्दी गाड़ियां शामिल थी।
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