ग्वालियर। मुरार थाना पुलिस ने वीआईपीएस कॉलेज खुरैरी में 211 छात्र-छात्राओं के फर्जी दस्तावेज लगाकर छात्रवृत्ति के नाम पर 32 लाख रुपए निकालने के मामले में वीआईपीएस कॉलेज प्रबंधन, नोडल केंद्र एसएलपी कॉलेज, आदिम जाति कल्याण विभाग के तत्कालीन सहायक आयुक्त व बैंक अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी व कूटरचना की धाराओं में 4 अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं।
मामला वर्ष 2015 का है, जो एक छात्रा की शिकायत पर की गई जांच में सामने आया। सीएसपी मुनीष राजौरिया के मुताबिक, 27 अप्रैल को अजाक थाने में पुरानी छावनी स्थित प्रखर कॉलेज के प्रबंधक के खिलाफ फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति निकाले जाने का प्रकरण दर्ज किया गया था। यह मामला एक छात्रा कुसुम की शिकायत पर दर्ज किया गया था। मामले मेंं फरवरी 2018 में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उक्त केस की जांच में यह बात सामने आई कि जिन फर्जी बैंक खातों की जांच की जा रही है, उनमें बड़ी रकम कुछ अन्य खातों से ट्रांसफर की गई है।
जब इन खातों में ट्रांसफर की गई रकम व दूसरे खातों की जांच की गई तो पता चला कि यह रकम वीआईपीएस कॉलेज (भंवर सिंह शिक्षा समिति) के छात्रों की छात्रवृत्ति की है। वीआईपीएस कॉलेज के फर्जी छात्रों की छात्रवृत्ति का सत्यापन एसएलपी कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य पीडी शाक्य व उनकी समिति ने किया। घोटालेबाज कॉलेज प्रबंधक, बैंक व विभागीय अधिकारियों ने 18 अप्रैल 2015 को एक ही दिन में छात्रवृत्ति का प्रस्ताव पास करने के साथ कमेटी का सत्यापन व सहायक आयुक्त ने उसी दिन छात्रवृत्ति खातों में भी जारी कर दी।
यह छात्रवृत्ति बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक आॅफ इंडिया व यूनियन बैंक की शाखा में ट्रांसफर की गई और छात्रों के खाते फर्जी दस्तावेज से बिना किसी प्रक्रिया के खुलवाए गए। यह पूरी गड़बड़ी बैंक अफसरों की मिलीभगत से अंजाम दी गई। इस कारण घोटालेबाजों को बैंक ने एटीएम कार्ड भी दे दिए, जिससे उन्होंने पूरी रकम निकाल ली। घोटाला अलग-अलग पाठ्यक्रम के क्रमश: 78, 47, 43 व 43 छात्रों की छात्रवृत्ति का होने के कारण पुलिस ने चार अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए हैं।
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