भोपाल। सत्ता में आने के बाद भारतीय जनता पार्टी का बहुत तेजी से कांग्रेसीकरण होता जा रहा है। 2013 तक भाजपा नेता सीना तानकर कहते रहे कि भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। यहां नेता का बेटा नेता नहीं होता बल्कि योग्यता कार्यकर्ता नेता होता है परंतु अब बात बदल गई है। सबके बेटे, बेटी, रिश्तेदार चुनाव लड़ने योग्य हो गए हैं। सीएम शिवराज सिंह भी अपने बेटे कार्तिकेय सिंह को लांच करना चाहते हैं। कैलाश विजयवर्गीय सहित कई मंत्रियों के बेटे भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं। इतना ही नहीं केंद्र की राजनीति करने वाले सांसदों को भी अपने परिवार के लिए टिकट चाहिए। कुछ तो खुद ही लोकसभा छोड़कर विधानसभा आना चाहते हैं। आइए देखते हैं, किस सांसद को क्या चाहिए:
इंदौर सांसद सुमित्रा महाजन बेटे मंदार महाजन के लिए।
राज्यसभा सांसद प्रभात झा बेटे तुष्मुल झा के लिए।
ग्वालियर सांसद नरेंद्र सिंह तोमर बेटे देवेंद्र उर्फ रामू तोमर के लिए।
सतना सांसद गणेश सिंह भाई उमेश प्रताप सिंह के लिए।
मुरैना सांसद अनूप मिश्रा ग्वालियर पूर्व से खुद के लिए टिकट मांग रहे हैं।
सागर सांसद लक्ष्मीनारायण यादव बेटे सुधीर के लिए सुरखी या सिरोंज से।
टीकमगढ़ सांसद वीरेंद्र कुमार पत्नी के लिए जतारा से।
दमोह सांसद प्रह्लाद सिंह पटेल अपने भाई (जो कि मप्र सरकार में मंत्री हैं) की पत्नी के लिए जबेरा से,
खजुराहो सांसद नागेंद्र सिंह खुद के लिए,
रीवा सांसद जनार्दन मिश्र सेमरिया से,
सीधी से सांसद रीति पाठक सीधी या सिहावल से,
शहडोल सांसद ज्ञान सिंह (इनके बेटे विधायक हैं) खुद बांधवगढ़ से,
मंडला सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते खुद के लिए,
होशंगाबाद सांसद राव उदय प्रताप सिहं तेंदूखेड़ा या सिवनी मालवा से,
भोपाल सांसद आलोक संजर मध्य सीट से,
राजगढ़ सांसद रोडमल नागर नरसिंहगढ़ सीट से,
देवास सांसद मनोहर ऊंटवाल आगर मालवा या आलोट से,
उज्जैन सांसद चिंतामणि मालवीय घट्टिया सीट से,
सांसद सुधीर गुप्ता मंदसौर से,
खंडवा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान मंधाता से,
बैतूल सांसद ज्योति धुर्वे घोड़ाडोंगरी से,
राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह चुरहट सीट से खुद दावेदारी जता रहे हैं।
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