नई दिल्ली। डॉक्टरों की खराब हैंडराइटिंग से तो हर कोई वाकिफ है, लेकिन यह मामला थोड़ा अलग है। उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने खराब हैंडराइटिंग को लेकर तीन डॉक्टरों पर फाइन लगा दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने तीन अलग-अलग मामलों में मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने वाले डॉक्टरों पर 5-5 हजार रुपए का फाइन लगाया है। कोर्ट ने ऐसा खराब हैंड राइटिंग के कारण किया।
पिछले सप्ताह तीन आपराधिक मामले लखनऊ बेंच के सामने सुनवाई के लिए आए थे। इन मामलों में पीड़ितों की इंजरी रिपोर्ट सीतापुर, उन्नाव और गोंडा के जिला अस्पताल ने बनाकर भेजी थी लेकिन अहम बात यह थी कि खराब हैंड राइटिंग के कारण कोई भी रिपोर्ट पढ़ने लायक नहीं थी।
कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कहा कि यह कोर्ट के काम में बाधा पहुंचाने जैसा है। इसके बाद अदालत ने उन्नाव के डॉक्टर टीपी जयसवाल, सीतापुर के डॉक्टर पीके गोयल और गोंडा के डॉ आशीष सक्सेना को तलब किया। लखनऊ बेंच के जस्टिस अजय लांबा और जस्टिस संजय हरकौली ने डॉक्टरों से अदालत की लाइब्रेरी में 5-5 हजार रुपए जमा कराने को कहा। डॉक्टरों ने कहा कि काम के अत्यधिक दबाव के कारण उन्होंने रिपोर्ट को इस ढंग से लिखा था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, इसके बाद कोर्ट ने डॉक्टरों को एक सर्कुलर के बारे में याद दिलाया जो 2012 में जारी हुआ था। यूपी डायरेक्टर जनरल (मेडिकल एंड हेल्थ) ने नवंबर 2012 में एक सर्कुलर जारी किया था। इसमें कहा गया था कि डॉक्टर मेडिकल-लीगल रिपोर्ट को साफ-सुथरी हैंडराइटिंग में लिखें ताकि वह पढ़ा जा सके।
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