नई दिल्ली। बेंगलुरु में एक व्यक्ति ने मुसलमानों को टारगेट करके चिटफंड स्कीम लांच कर दी। उसने इस्लाम की उस मान्यता का फायदा उठाया जिसमें ब्याज को हराम बताया गया है। उसने दावा किया कि इस कंपनी में पैसा जमा करने पर आपको ब्याज नहीं मिलेगा बल्कि मोटा मुनाफा दिया जाएगा। 4 महीने के लिए पैसों की मांग की गई। मुनाफे के तौर पर प्रति 1 लाख रुपए के लिए 3000 रुपए से ज्यादा मुनाफा देने का वादा किया गया।
अक्सर आपने सुना होगा कि कई मुसलमान बैंकों में पैसे इसलिये नहीं जमा करते क्योंकि इस्लाम में सूद-ब्याज हराम है। एक शख़्स ने इसी का फायदा उठाया। उसने इस्लामिक ढांचे पर एक कंपनी बनाई और लोगों से कहा कि वे अपनी हलाल कमाई यहां जमा कर सकते हैं। इसमें कोई दिक्कत नहीं है। इस कंपनी से होने वाले मुनाफे को ब्याज नहीं माना जाएगा। इसके बाद शख्स लोगों की गाढ़ी कमाई का 4 हज़ार करोड़ रुपये लेकर फरार हो गया। अब न कहीं कंपनी का कोई दफ़्तर है न कोई नामोनिशान।
पीड़ित परेशान हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत की। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पीड़ितों का आरोप है कि धर्म की आड़ में उनके ही धर्म के लोगों ने उनके साथ धोखा किया अब वे रोड पर आ गए हैं। तमाम पीड़ितों में से एक अफ़ज़ल नसीर ने इस कंपनी में 4 लाख रुपये निवेश किए। वादा था कि चार महीने में न सिर्फ सारे पैसे वापस किये जायेंगे बल्कि हर महीने 10 हज़ार रुपये का मुनाफा भी दिया जाएगा, लेकिन सारे पैसे लेकर फरार हो गए। पीड़ितों ने कंपनी के सीईओ से लेकर मालिक और मालकिन की तस्वीर भी जारी की है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
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