भोपाल। पिछले दिनों सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बुंदेलखंड में 6 लाख लोधी वोटों के लालच में उमा भारती को काफी महत्व दिया था परंतु अब उनकी यह रणनीति फेल होती नजर आ रही है। साथ ही उमा भारती का जादू भी बुंदेलखंड के मध्यप्रदेश वाले हिस्से में खत्म होता प्रतीत हो रहा है। कहा जा रहा है कि अब बुंदेलखंड के मध्यप्रदेश वाले हिस्से में रहने वाले 6 लाख लोधी वोटर्स उमा भारती के कहने पर किसी को वोट नहीं देंगे। समाज अपना फैसला अपने तरीके से करेगा।
उमा भारती को देवी मानता था लोधी समाज
टीकमगढ़ जिले के लोधी समाज के संरक्षक वसंत राम राजपूत एडवोकेट का एक बयान सामने आया है। ईटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा है कि अभी तक लोधी समाज उमा भारती के कहने पर भाजपा को वोट देता आया लेकिन, अब लोधी समाज ऐसा नहीं करेगा और यह वोट अब भाजपा को नहीं मिलेगा। पहले लोधी समाज उमा भारती को एक देवी के रूप में मानता था और उनके कहने पर भाजपा को वोट देता था लेकिन अब बुन्देलखण्ड का लोधी समाज का वोट उमा के साथ नहीं है।
उमा भारती से क्यों नाराज हुए लोधी
भाजपा अभी तक उमा भारती ओर उनके भतीजे राहुल सिंह को प्रत्याशी बनाती आई है। इसका प्रमुख कारण उमा भारती का समाज के लोगों को अनदेखा करना है। टीकमगढ़ विधानसभा जिसमें लोधी वोट 23 हजार है। फिर भी यह 10 हजार मतों से हारी थीं और उनके भतीजे राहुल सिंह खरगापुर लोधी बाहुल्य विधानसभा से 6 हजार मतों से पराजित हुए थे। यदि इस बार फिर से राहुल लोधी चुनाव लड़ते हैं, तो लोधी समाज फिर से उनका बहिष्कार करेगा।
6 लाख लोधी वोटर उमा के खिलाफ एकजुट हो गए हैं
वसन्त राम राजपूत का कहना है कि अब तक 75 प्रतिशत वोट भाजपा को जाता था लेकिन, अब समीकरण बदल गए हैं। लोधी समाज उमा जी के साथ नहीं है। अब उमा भारती का लोधी समाज से जादू खत्म हो चला है। उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड के टीकमगढ़, खरगापुर, जतारा, निवाड़ी, पृथ्वीपुर, सागर, बड़ामलहरा, विजावर, बंडा , रहली, दमोह और जबेरा में लोधी समाज को 6 लाख वोट हैं जो अब जागरूक हो गए हैं। ये सभी एकराय हो गए हैं। अब उमा भारती के कहने पर वोट नहीं दिया जाएगा। अब वोट उसी दल को मिलेगा जो प्रत्येक जिले में लोधी समाज को प्रत्याशी बनाएगा।
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