बुरहानपुर। बहुचर्चित सिटीजन को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला मामले में बैंक के चार अधिकारियों सहित दो खाता धारकों को चार-चार साल की सजा सुनाई गई। उन पर कुल एक करोड़ 80 लाख 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। आरोपियों में बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हरगोविंद यादव, प्रबंधक संजय कक्कड़, कैशियर कमलेश पटेल, शाखा प्रबंधक महेंद्र कुमार लाड़ और खाता धारक जगमीतसिंह बिंद्रा तथा अमर डोडवानी शामिल हैं।
फैसला मंगलवार को प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार गुप्ता की अदालत ने दिया। अभियोजन की ओर से अधिवक्ता जाहिद हुसैन चौधरी ने पैरवी की। आरोपियों ने बैंक में 2005 में 2.34 करोड़ रुपए का घोटाला किया था।
जिला अभियोजन अधिकारी कैलाशनाथ गौतम ने बताया सिटीजन को-आॅपरेटिव बैंक में तय नीति-निर्देशों का पालन नहीं होने पर रिजर्व बैंक ने बैंक के वित्तीय लेन-देन पर जनवरी 2005 में प्रतिबंध लगा दिया था। संयुक्त कलेक्टर द्वारा की गई जांच में 14 मार्च 2005 को बैंक के स्ट्रांग रूम में उपलब्ध राशि का भौतिक सत्यापन करने पर इसमें 2 करोड़ 34 लाख 56 हजार 944.59 रुपए कम पाए गए।
2003-04 में सहकारिता विभाग द्वारा किए गए बैंक अंकेक्षण में यह लिखा गया था कि बैंक में नकद सिलक खाते की सीमा 150.00 लाख रुपए है। इससे स्पष्ट है कि बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और प्रबंधक के अलावा बैंक के अध्यक्ष व संचालक मंडल ने कभी भी यह नहीं देखा कि बैंक में नकद सिलक की क्या स्थिति है। इस प्रकार षडयंत्र पूर्वक सीमा से अधिक नगदी बैलेंस के गबन में सहयोग दिया।
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