भोपाल। ये भोपाल के 3 बहादुर बच्चों की कहानी है। इन्होंने ना केवल अदम्स सूझबूझ का परिचय दिया बल्कि साहस और एकजुटता का प्रदर्शन भी किया और 8 साल की बच्ची को 50 साल के अपराधी से चंगुल से मुक्त करा लिया। तीनों बच्चों ने एकराय होकर लड़की का अपहरण कर ले जा रहे अपराधी पर हमला किया और सफलता हासिल की। तीनों बच्चों को भोपाल समाचार का सलाम।
गुनगा निवासी 8 साल की बच्ची के पिता ड्राइवर हैं। गुनगा टीआई भरत सिंह के अनुसार बच्ची गुरुवार दोपहर घर के बाहर दो बच्चों के साथ खेल रही थी। इसी दौरान वहां रहने वाला 50 साल का दयाराम भील उनके पास पहुंचा। उसने बच्ची को गोद में उठा लिया और छेड़छाड़ करने लगा।बच्ची ने छूटने की काफी कोशिश की, लेकिन वह नहीं छूट पाई। दयाराम उसे लेकर गांव के बाहर जाने लगा। यह देखकर दोनों बच्चे, बच्ची के घर पहुंच गए। उन्होंने उसकी बड़ी बहन को घटना के बारे में बताया।
पीड़िता की बड़ी बहन दोनों बच्चों के साथ दौड़ते हुए गांव के बाहर आ गई। यहां पर दयाराम उसकी बहन को कंधे पर लिए जाते दिखा। बहन की चीख सुनकर बड़ी बहन ने चिल्लाते हुए दयाराम से उसे छोड़ने को कहा, लेकिन वह नहीं माना और आगे बढ़ने लगा। वह मासूम को खदान के पास ले जा रहा था। यह देखकर तीनों बच्चों ने दयाराम पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिया। पहले तो उसने बच्चों को चिल्लाते हुए डराने की कोशिश की, लेकिन जब बच्चों ने पत्थर फेंकना बंद नहीं किया तो वह मासूम को छोड़कर भागने पर मजबूर हो गया।
टीआई के अनुसार रात को पिता के घर पहुंचने पर उन्होंने घटना के बारे में बताया। शुक्रवार को बच्ची के पिता ने इसकी शिकायत पुलिस से की। आरोपी के नाती-पाेते हैं। घटना के बाद से ही वह फरार है, उसकी तलाश चल रही है।
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