भोपाल। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने मप्र चुनाव में धमाकेदार एंट्री की कोशिश की परंतु उनकी यह कोशिश विवादित हो गई। संबित पात्रा ने प्रेस काम्पलेक्स एमपी नगर में खुलेआम प्रेसवार्ता का आयोजन किया लेकिन इस खुली प्रेस वार्ता की परमिशन नहीं थी। कांग्रेस ने शिकायत ठोक दी। निर्वाचन आयोग ने कलेक्टर से इस मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है।
संबित पात्रा ने दशकों पुराना आरोप दोहराया
पात्रा ने आरोप लगाया कि नेशनल हेराल्ड और नवजीवन के प्रकाशन के लिए मप्र सरकार ने महाराणा प्रताप नगर भोपाल में लीज पर जो जमीन दी थी ,उस जमीन का राहुल और सोनिया के स्वामित्व वाली कंपनी ने कमर्शियल उपयोग कर भारी भ्रष्टाचार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि समाचार पत्र की जमीन पर कमर्शियल बिल्डिंग बनाकर भारी राशि गांधी परिवार ने हड़पी है।
40 मिनट चला ड्रामा, सवालों का कोई जवाब नहीं दिया
लगभग 40 मिनिट तक सड़क पर चले इस ड्रामे में पात्रा ने पत्रकारों के सवालों का कोई भी जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि मामला अभी हाईकोर्ट में है। भाजपा के प्रवक्ता ने जमीन आवंटन के सारे पेपर्स भी प्रेस को दिखाए, जिसमें भूमि आवंटन का उद्देश्य समाचार पत्र को बताया गया है। जिस वक्त यहां पीसी चल रही थी, उसी वक्त बाहर कांग्रेस नेता जेपी धनोपिया इसका विरोध कर रहे थे। उन्होंने चुनाव आयोग में शिकायत करने के लिए तस्वीरें भी खींची।
निर्वाचन आयोग ने मांगी रिपोर्ट
इधर कांग्रेस की शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने संबित पात्रा की पत्रकार वार्ता को लेकर कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी है। कलेक्टर को शाम तक रिपोर्ट देने को कहा गया है। कांग्रेस ने पत्रकार वार्ता को लेकर आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की है। कांग्रेस नेताओं की मानें तो प्रेस कॉन्फ्रेंस की अनुमति दोपहर एक से तीन बजे तक थी, लेकिन संबित पात्रा ने दोपहर 12 बजे से की पत्रकारवार्ता की।
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