भोपाल। मध्यप्रदेश में जातिगत आधार पर आरक्षण और एससी एसटी एक्ट के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निष्प्रभावी करने वाले संशोधन विधेयक के खिलाफ आंदोलन लगातार जारी है। सरकार और कुछ ऐजेंसियों का मानना था कि यह कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर, सपाक्स और करणी सेना का प्रदर्शन है परंतु आचार संहिता के बाद आम जनता सीधे सामने आ गई है।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में लोगों ने घरों के बाहर नोटिस लगा दिए हैं जिन पर लिखा है 'मैं सामान्य वर्ग से हूं, कोई भी राजनैतिक दल वोट मांगकर शर्मिंदा ना करे। VOTE FOR NOTA' यह नोटिस लोगों ने अपने मुख्यद्वार पर लगा दिए हैं ठीक उसी जगह जहां अक्सर नो पार्किंग का नोटिस लगाया जाता है।
लोग कैमरे के सामने आकर बोले NOTA को ही देंगे
बात सिर्फ नोटिस तक ही सीमित नहीं है। न्यूज ऐजेंसी एएनआई ने जब लोगों का दरवाजा खटखटाया तो ना केवल लोग बेधड़क बाहर निकले बल्कि स्पष्ट रूप से कहा कि जातिगत आधार पर आरक्षण और एससी एसटी एक्ट के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निष्प्रभावी करने वाले संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे हैं। यह देश के लिए खतरनाक है। हम अपना विरोध दर्ज कराने के लिए NOTA को वोट देंगे।
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