CHAHAR TRAUMA: गलत इलाज के कारण बालक का हाथ काटना पड़ा | Ratlam mp news

रतलाम। DR. YOGENDRA SINGH CHAHAR द्वारा संचालित CHAHAR TRAUMA CENTER RATLAM में एक 12 वर्षीय बालक का गलत तरीके से इलाज किया गया। उसे हाथ में फ्रेक्चर हुआ था। चाहर ट्राम सेंटर पर गलत तरीके से प्लाटर चढ़ा दिया गया जिससे उसका हाथ सड़ गया। उसकी जान बचाने के लिए हाथ को काटना पड़ा। 

हाथीखाना क्षेत्र निवासी हैदर अली का पुत्र अंसार अली खेलते-खेलते 23 अगस्त को घर के पास गिर गया था। बांये हाथ में ईंट की लगने से घाव के साथ हड्डी टूट गई। रिश्तेदार कलीम भाई व तरबैज उसे अजंता टॉकीज रोड स्थित चाहर ट्राम सेंटर ले गए। ट्रामा सेंटर के कर्मचारियों ने एक्स-रे कर हड्डी टूटने की जानकारी देते हुए पट्टा चढ़ा दिया और कहा कि डॉ. योगेंद्र सिंह चाहर आने के बाद दिखा देना।

डॉ. चाहर के आने के बाद उन्होंने दवाइयां लिखकर दे दी। 25 अगस्त को हाथ में दर्द बढ़ने पर अंसार अली को पुन: डॉक्टर के पास ले गए, जहां एक्स-रे करने के बाद ठीक होने की बात कही। 27 अगस्त की सुबह हाथ में पस पड़ने के साथ हाथ ने काम करना बंद कर दिया। डॉक्टर के पास ले जाने पर उन्होंने पट्टा काटा। हाथ में पस पड़ गया और उसमें कीड़े पड़ गए थे। डॉ. चाहर ने इंदौर ले जाने की सलाह दे दी। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे ने बताया पुलिस से सूचना मिल गई है मेडिकल बोर्ड का गठन कर कार्रवाई करेंगे।

डॉ. योगेंद्रसिंह चाहर ने बताया हादसे के दिन किशोर को लाया गया तब में ऑपरेशन थियेटर में था। वहां से निकलते ही बच्चे को देखा था और हाथ में सूजन होने पर कच्चा पट्टा चढ़ाया था। चार दिन बाद आए तब उसका हाथ देखते ही इंदौर ले जाने की सलाह दी थी। हाथ की नस डेमेज होने के कारण यह स्थिति बनी। घाव से ऐसे नहीं होता है। जब बालक को लाया गया तब उसकी चमड़ी ठीक थी ओर हाथ में कोई भी चोट व घाव नहीं था। नस डेमेज होने का पता एंजियोग्राफी से चलता है। 20 साल के कॅरियर में यह पहला केस है जिसमें बालक की नस डेमेज हुई है और यह स्थिति बनी है। उसका हाथ कटने का मुझे भी अफसोस है।

इंदौर जाने का कहा था, मन नहीं माना इसीलिए वडोदरा गए
परिजन उसी रोज अंसार अली को वड़ोदरा के धीरज हॉस्पिटल ले गए। डॉक्टरों ने जांचकर परिजन को बताया हाथ में इंफेक्शन है, हाथ नहीं काटा तो जहर पूरे शरीर में फैल सकता है और किशोर की जान जा सकती है। बच्चे की जान के खातिर परिजन ने ऑपरेशन की हामी भर दी। ऑपरेशन के बाद किशोर को वहीं भर्ती किया। इसी माह परिवार के लोग रतलाम पहुंचे। उन्होंने शिकायत कलेक्टर, एसपी व स्वास्थ्य मंत्री को की है। शिकायत में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई व मुआवजे की मांग की है।

रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई होगी
स्टेशन रोड थाने के सब इंस्पेक्टर अय्यूब खान ने बताया सीएमएचओ को लिखकर दिया है कि बोर्ड का गठन किया जाए। बोर्ड का गठन होने के बाद मेडिकल होगा। उसके बाद जो रिपोर्ट आएगी उस आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। प्रारंभिक जांच व परिजन के बयाने के आधार पर डॉ. चाहर के यहां कार्य करने वाले कंपाउंडर की गलती सामने आ रही है। घाव होने के बाद भी पट्टा चढ़ा दिया। जिस कारण किशोर का हाथ सड़ गया और उसमें कीड़े पड़ गए।

वडोदरा के डॉ. बोले- इंफेक्शन फैल गया
अंसार के पिता हैदर अली पेपर बांटने का कार्य करते हैं। अंसार के उपचार में पौने दो लाख रुपए खर्च हो गए। इसके बाद भी बेटे का हाथ नहीं बचा सके। मां रजिया बी ने बताया वड़ोदरा के डॉक्टरों का कहना था कि अंसार अली के गिरने से ईंट लगी चोट को रतलाम के डॉक्टर ने ठीक नहीं किया और पट्टा बांध दिया। उसी घाव के कारण इंफेक्शन फैला और बच्चे की जान बचाने के लिए हाथ काटना पड़ा।

जिस हाथ से लिखता था वहीं कट गया
अंसार अली पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ अन्य काम बांये हाथ से करता था और उसी को काटना पड़ा। सातवीं कक्षा का अंसार अली की मां ने रोज दो घंटे उससे दांये हाथ से लिखाई की प्रैक्टिस करवा रहे हैं, ताकि आगे की पढ़ाई वह जारी रख सके।

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